प्राथमिक एवं द्वितीयक समूह में अंतर बताइए
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. प्रथामिक समूह नैतिकता और मानव आत्मा पर आधारित हैं, द्वितीयक समूह का आधार नियम और कानून होते हैं।
2. प्राथमिक समूह प्राय: गाँवो मे पाये जाते हैं। द्वितीयक समूह प्राय नगरों मे पाई जाते हैं
3. प्राथमिक समूह मे सदस्य व्यक्ति के रूप मे मिलते हैं। द्वितीयक समूह मे सदस्य प्रतिनिधि, कर्मचारी आदि रूप मे मिलते हैं।प्राथमिक समूहों मे दिखावा और बनावटीपन का अभाव होता हैं। जबकि द्वितीयक समूहों मे दिखावा और बनावटीपन की प्रधानता होती हैं।
5. प्राथमिक समूह मे सदस्यों के सम्बन्ध व्यक्तिगत होते हैं, अन्य साधनों की आवश्यकता नही होती हैं। जबकि द्वितीयक समूहों मे सम्बन्ध अवैयक्तिक साधन तार, टेलीफोन, पत्र आदि हो सकते है।
6. प्राथमिक समूहों के सदस्यों के उद्देश्यों मे समानता होती हैं। जबकि द्वितीयक समूहों के सदस्यों के उद्देश्यों मे असमानता होती हैं।
7. प्राथमिक समूह मे सदस्य समूह पर निर्भर रहते हैं। द्वितीयक समूह मे सदस्यों मे आत्मनिर्भरता पायी जाती हैं।