Hindi, asked by mvadhwani802, 1 month ago

प्राथन का आग्रह काजिए। 3. pestion grad the passage given below carefully and answer in Hindi the questions that follow. Use mir own words as far as possible : [10] दिनलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी में लिखिए। उत्तर व्यासंभव आपके अपने शब्दों में होने चाहिए- कि बहुत पहुँचे हुए महात्मा थे। वे किसी से भीख नहीं माँगते, टोपी सिलकर अपनी गुजर-बसर करते। एक टोपी की मीमत सिर्फ दो पैसे लेते। इनमें से जो याचक पहले मिलता, उसे एक पैसा दे देते। बचे हुए एक पैसे से पेट भरते। इस प्रकार जब तक दोनों पैसों का सदुपयोग नहीं हो जाता, तब तक नई टोपी नहीं सिलते। भजन ही करते रहते। उनका एक धनी शिष्य था, जिसने दान के लिए कुछ रकम निकाल रखी थी। उसने एक दिन पूछा, "गुरुदेव! मैं किसको दान करूँ।" महात्मा ने कहा, "जिसे सुपात्र समझो, उसी को दान करो।" शिष्य ने रास्ते में एक गरीब अंधे को देखा और उसे सुपात्र समझकर एक सोने की मोहर दे दी। दूसरे दिन उसी रास्ते से शिष्य फिर निकला। पहले दिन वाला अंधा दूसरे अंधे से कह रहा था कि कल एक आदमी ने मुझको एक सोने की मोहर दी थी, मैंने उससे खूब शराब पी। शिष्य को यह सुनकर बड़ा खेद हुआ। उसने महात्मा के पास आकर सारा हाल कहा। महात्मा उसके हाथ में एक पैसा देकर बोले, "जा, जो सबसे पहले मिले उसी को पैसा दे देना।" यह पैसा टोपी सिलकर कमाया हुआ था। शिष्य पैसा लेकर निकला। उसे एक मनुष्य मिला; उसने उसे पैसा दे दिया और उसके पीछे-पीछे चलना शुरू कर दिया। वह मनुष्य एक निर्जन स्थान पर गया और अपने कपड़ों में छिपाए हुए एक मरे हुए पक्षी को निकालकर फेंक दिया। शिष्य ने उससे पूछा, "तुमने मरे हुए पक्षी को कपड़ों में क्यों छिपाया था और अब क्यों निकाल कर फेंक दिया ?" उसने कहा, "आज सात दिन से मेरे कुटुंब को अन्न का दाना तक नसीब नहीं हुआ है। किसी के आगे हाथ फैलाना या गिड़गिड़ाना मेरी मर्यादा के विपरीत है। आज इस जगह पक्षी को पड़ा देख मैंने लाचार होकर अपनी और परिवार की भूख मिटाने के लिए पक्षी उठा लिया था और इसे लेकर मैं घर जा रहा था। आपने मुझे बिना माँगे ही पैसा दे दिया, इसलिए अब मुझे मरे पक्षी की आवश्यकता नहीं रही। अतएव जहाँ से उठाया था, वहीं लाकर डाल दिया।" शिष्य उसकी बात सुनकर दंग-सा रह गया। उसने महात्मा के पास जाकर सब वृत्तांत कहा। महात्मा बोले, "इससे स्पष्ट होता है कि अन्यायपूर्वक कमाया गया धन दुराचार में ही लगता है और न्यायपूर्वक कमाया गया धन ही अच्छे काम में लगता है।" सरस हिंदी व्याकरण-9&10 329​

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Answers

Answered by bvchratnakumari1988
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Answer:

Society is stratified into social classes based on individuals’ socioeconomic status, gender, and race.

Stratification results in inequality when resources, opportunities, and privileges are distributed based on individuals’ positions in the social hierarchy.

Stratification and inequality can be analyzed as micro-, meso-, and macro-level phenomena, as they are produced in small group interactions, through organizations and institutions, and through global economic structures.

There are three dominant theories that consider why inequality exists on a global scale. First, some sociologists use a theory of development and modernization to argue that poor nations remain poor because they hold onto traditional attitudes and beliefs, technologies and institutions.

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