पूर्व चलने के बटोही, पंथ की पहचान कर ले इसका भावार्थ
Answers
Answered by
0
Explanation:
आ पड़े कुछ भी, रुकेगा तू न, ऐसी आन कर ले। पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले। स्वप्न पर ही मुग्ध मत हो, सत्य का भी ज्ञान कर ले।
Answered by
0
Answer:
यह निशानी मूक होकर बहुत कुछ कह जाती है|
Similar questions