पूरे विश्व को एक सत्ता के रूप में मानने को क्या कहते हैं।
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पूरे विश्व को एक सत्ता मानने को कहते हैं...
वसुधैव कुटुंबकम्
पूरे विश्व को एक सत्ता मानने की भावना एक भारतीय दर्शन है, जिसमें पूरे विश्व को एक परिवार के समान माना जाता है।
अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् |
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ।।
अर्थात यह अपना बंधु है, वह अपना बंधु नहीं है, इस तरह की भावना रखने वाले लोग संकीर्ण विचार यानि छोटी सोच के लोग होते हैं। जिनका हृदय विशाल और उदार होता है वह पूरे संसार को ही एक परिवार एक सप्ताह के समान मानते हैं।
प्राचीन भारतीय वैदिक दर्शन का ये सिद्धांत पूरे विश्व को एक सत्ता के समान मानता है, जिसमें संसार के सारे लोग एक है।
अगर आज के आधुनिक संदर्भ में देखें तो पूरा विश्व को एक सत्ता मानने के लिये हम एक शब्द का उपयोग कर सकते हैं, जो है..
वैश्विक गाँव यानि ग्लोबल विलेज (Global Village)
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Answer:
What is it called to consider the whole world as one entity?
Explanation:
Humanity is a word that is universal and can be taken as one word for entire humanity.
In humanity, there are no cultural, relegiou, regional barriers and everyone is considered to be part of same planet earth.
It is indeed a fact that humanity transcends all human prejudices and barriers. It does not differentiate people of the basis of race, color , religion, region etc.
One purpose of the existence of man on earth is to serve the people, help them out and take care of them. That is humanity and it is above all the laws and such things are also common in all religions. There is no barrier that define humanity is for certain people and invalid for others. This is beyond any limitations.
Hindi version
मानवता एक ऐसा शब्द है जो सार्वभौमिक है और इसे संपूर्ण मानवता के लिए एक शब्द के रूप में लिया जा सकता है।
मानवता में, कोई सांस्कृतिक, रेलेइओउ, क्षेत्रीय बाधाएं नहीं हैं और सभी को एक ही ग्रह पृथ्वी का हिस्सा माना जाता है।
यह वास्तव में एक सच्चाई है कि मानवता सभी मानव पूर्वाग्रहों और बाधाओं को पार कर जाती है। यह जाति, रंग, धर्म, क्षेत्र आदि के आधार पर लोगों को अलग नहीं करता है।
पृथ्वी पर मनुष्य के अस्तित्व का एक उद्देश्य लोगों की सेवा करना, उनकी मदद करना और उनकी देखभाल करना है। यह मानवता है और यह सभी कानूनों से ऊपर है और इस तरह की चीजें सभी धर्मों में भी आम हैं। ऐसी कोई बाधा नहीं है जो मानवता को परिभाषित करती है, कुछ लोगों के लिए और दूसरों के लिए अमान्य है। यह किसी भी सीमा से परे है।