पूर्वी तट के नदी डेल्टा ऊपर किस प्रकार की मृदा पाई जाती है इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएं क्या है
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यह रेत आमतौर पर नदियों के किनारे पाई जाती है जहां पर यह बाढ़ से जमा हो जाती है।आमतौर पर जहां पर नदियों का पानी नहीं पहुंच पाता है और पहले नदी के द्धारा जो मिटटी बहाकर लाई गई थी उसको बांगर मिट्टी के नाम से जाना जाता है।इसके अलावा नविन नदी के पानी के द्धारा जो मिट्टी बहाकर लाई जाती है उसे खादर मिट्टी के नाम से जाना जाता है। नवीन जलोढ़ मिट्टी अधिक उपजाउ होती है। भारत के अंदर 50 प्रतिशत से अधिक उत्पादन इसी मिट्टी के अंदर होता है।इसके अंदर चूना फास्फोरस और पोटाश मुख्य रूप से पाये जाते हैं।जलोढ़ रेत के अंदर गन्ना ,तम्बाखू ,जूट और तिलहन मुख्य रूप से उगाये जाते हैं।
जलोढ़ मिट्टी की विशेषता इसका निर्माण नदियों के द्धवारा जल बहाव से होता है
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पूर्वी तट के नदी डेल्टा पर जलोढ़ मृदा पाई जाती है जो नर्मदा की तीन विशेषताएं हैं जरूर मैदा अधिक उपजाऊ होती है इसलिए इस मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है जरूरत आफ पोटाश फास्फोरस और चुना युक्त होती है इस मैदा में लेस शिल्प और मृतिका के विभिन्न अनुपात पाए जाते हैं