" प्रिय- वाक्य- प्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः । तस्मात् प्रिय वक्तव्यम् वचने का दरिद्रता ।। " सर्वथा किम् वक्तव्यम् ?
it's urgent please........ this question is of Sanskrit.
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उत्तर-> रूप ...............................................रेखा|
प्रियवाक्य .......................................दरिद्रता||
प्रसंग -> प्रस्तुत श्लोक हमारी संस्कृत की पाठ्य पुस्तक “रुचिरा-II” के पाठ ‘सुभाषितानि’ से लिया गया है | इसमें कवि ने प्रिय वाक्य बोलने को कहा है|
सरलार्थ -> प्रिय वाक्य बोलने से सभी मनुष्य खुश होते हैं इसलिए निश्चित रूप से प्रिय बोलना चाहिए वाणी के क्या दरिद्रपन है अर्थात क्या कुटिलता है?
भाव -> सभी मनुष्यों को प्रिय वाणी अच्छी लगती है इसलिए हमें प्रिय बोलना चाहिए|
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