Hindi, asked by vijaylaxminegi1982, 1 month ago

प्राय: यह देखा गया है कि व्यक्ति कितना भी सुखी हो, वह कभी संतुष्ट नहीं रह पाता। उसे या तो और
अधिक सुखों की चाह होती है या फिर उपलब्ध सुखों के खोने का डर। पाने का मोह तथा खोने का भय
उसे बेचैन बनाए रखते हैं। मोह तथा आकांक्षाएँ कई प्रकार की होती हैं-धन की, यश की. दान की। यहाँ
तक कि मोक्ष की आकांक्षा भी व्यक्ति को दुखी और पीड़ित बना देती है। भगवान गौतम बुद्ध ने भी इस
तथ्य को स्वीकार किया है। उनके अनुसार इच्छाएँ पूरी करने से व्यक्ति कभी सुखी नहीं हो पाता। सुखी
वही होता है जो अपनी इच्छाओं को सीमित कर पाता है। ऐसा करने के लिए जिस मंत्र की, जिस वरदान
की आवश्यकता होती है, वह मंत्र, वह वरदान है-संतोष। जिसके पास संतोष है, उसके पास सब कुछ
है

सबसे बड़ा धन क्या है ?
गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए ?

Answers

Answered by djgonda2019
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Answer:

सबसे बड़ा धन संतोष है।

शीर्षक = संतोष-सबसे बड़ा धन

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