प्रियतम कविता मानव जीवन को सार्थक बनाने का एक माध्यम है उपयुक्त कथन को अपने शब्दों में समझाइए
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प्रियतम कविता मानव जीवन को सार्थक बनाने का एक माध्यम है उपयुक्त कथन को अपने शब्दों में समझाइए :
प्रियतम कविता सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" द्वारा लिखी गई है |
कविता में कवि ने विष्णु और नारद जी ने समझाने को कोशिश की है , जीवन में जो मनुष्य अपने कर्तव्यों तथा उत्तरदायित्वों को निभाने वाले मनुष्य को ही श्रेष्ठ मनाते है , ऐसे मनुष्य ईश्वर को प्रिय होते है | जो मनुष्य अपने काम को ईमानदारी से करता है और साथ में अपने ईश्वर को भी याद रखता है |
प्रियतम कविता मानव जीवन को सार्थक बनाने का एक माध्यम है | हमें जीवन में सभी कर्तव्यों को अच्छे से निभाना चाहिए | जो मनुष्य अपने जीवन में सब कुछ संतुलन बनाकर चलते है , वह मनुष्य समाज में सब के प्रिय होते है | अपने कर्तव्यों को पूरा करने के साथ ईश्वर के लिए समय निकालना वही असली भक्त होता है |
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