प्र0 11. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उसके प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए।
मोरपखा सिर उपर राखिहौ, गुंज की माल गरें पहिरौंगी।
ओदि पितंबर लै लुकटी वन गोधन ग्वारिन संग फिरौंगी।।
भावंती वोहि मेरो रसखानि सो तेरो कहे सब स्वांग करोगी।
या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी।
क. गोपी श्री कृष्ण का रूप धारण करने को क्यों तैयार है?
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काव्यांश में गोपी सेक्स करने के लिए कैसे जाती है कि वह मुझे कृष्ण के पास ही राज्य संबंध के पास रहती है वह अपने पंख लगाते लगा ले और पितांबर पितांबर में लंगूर लिमिटेड निपटने और मुरली धर धर धर आओगी
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