प्र0 20-निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए
अंक05
मनुष्य का जीवन बहुत संघर्षमय होता है। उसे पग-पग पर कठिनाईयों का
सामना करना पड़ता है। फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मित इस
पृथ्वी पर हुई मानो धरती का रूप ही बदल गया है। यह संसार कर्म करते रहने वाले
मनुष्यों के आधार पर ही टिका हुआ है। देवता भी उनसे ईर्ष्या करते हैं। मनुष्य अपने
कर्मवल के कारण श्रेष्ट है। धन्य है मनुष्य का जीवन।
प्रश्न-1. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
2. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।
3. मनुष्य किस कारण श्रेष्ठ माना गया है?
- निन
तेदन सरिता
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Explanation:
1. शीर्षक - मनुष्य का जीवन
2. मनुष्य का जीवन संघर्षमय होता है, परन्तु फिर भी मनुष्य एक कर्मशील प्राणी है. इसलिए मनुष्य के जीवन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है.
3. मनुष्य अपने कर्मशील होने के कारण श्रेष्ठ माना गया है.
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