Hindi, asked by mamtabodhwani4, 1 month ago

प्र01 अपठित गद्यांश

क.
कला का कभी विभाजन नहीं हो सकता । फिर भी अभिव्यक्ति और अनुभूति की दृष्टि
Any - 2 2-
से कला के दो स्थूल रूप हैं उपयोगी कला और ललित कला उपयोगी कला हमारे
व्यावहारिक जीवन की आवश्यकता को पूरा करती है। सुनार, कुम्हार, लुहार आदि इसी
'
श्रेणी में आते हैं । ललित कला के द्वारा हमोर हृदय को आनंद प्राप्त होता है। यह
आनंद हमें श्रवेणेन्द्रिय और नेत्रेन्द्रिय द्वारा प्राप्त होता है। ललित कलाएं पांच हैं

वास्तु कला, मूर्तिकला, चित्रकला, संगीत और काव्य कला। संगीत और काव्य का आनंद
श्रेवणेन्द्रिय से लिया जाता है।
1. उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक दीजिये ?
2. कला के स्थूल रूप कौन-कौन से हैं ? नाम लिखिये
3. ललित कलाएं कौन-कौन सी है ?
4. आनंद हमें कैसे प्राप्त होता है ?
5. हमारे हृदय को आनंद कैसे प्राप्त होता है ?​

Answers

Answered by AntraMorya08
3

Answer:

उत्तर: 1. कला के स्थूल रूप।

2. उपयोगी कला और ललित कला।

3. वास्तु कला, मूर्तिकला, चित्रकला, संगीत और काव्य कला।

4. आनंद हमे श्रवेणेन्द्रिय और नेत्रेन्द्रिय द्वारा प्राप्त होता है।

5. ललित कला द्वारा हमारे ह्दय को आनंद प्राप्त होता है।

Answered by krishnashakya2369
0

Answer:

उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक दीजिये ?

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