प्र01 निम्न गद्यांश की हिंदी अनुवाद लिखो -
के आसन ते अज्ञात नामानः ? सतशः सहस्त्रशः तड़ागाः सहसैव न प्रकटीभूताः । इमे एव तड़ागाः अत्र संसार सागरा: इति एतेषाम् आयोजनस्य नेपथ्ये निर्मापयितृणाम् एककम् निर्मातृणां च दशकम् आसीत् एतत् एककं दशकं च आहत्य शतकों सहस्रकं वा रचयतः स्म। परम् विगतेषु द्विशतवर्षेषु नूतन पद्धत्या समाजेन यत् किंचित् पठितम् पठितेन तेन समाजेन कम् दशकम् सहसकं च इत्येतानि शून्ये
एव परिवर्तितानि। अस्य नूतन समाजस्य मनसि इयमपि जिज्ञासा नैव उद्भूता यद् अत्मात् पूर्वम् एतावतः तडागान के रचयन्ति स्म।
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दिए गए पद्यांश का हिंदी सरलार्थ ÷
कौन थे वह अज्ञात नाम वाले? सैकड़ों हजारों तालाब अचानक प्रकट नहीं हुए । यही तालाब यहां के संसार सागर है । इनके आयोजन के पीछे निर्माण करने वालों की इकाई और दहाई थी ।
इस इकाई और दहाई ने मिलकर ही सैकड़ों और हजारों का निर्माण किया है । परंतु पिछले सौ वर्षों में नई पद्धति के द्वारा समाज ने जो कुछ भी पड़ा है उसके द्वारा इस पठित समाज ने इकाई, दहाई , हजार आदि को शून्य में ही बदल दिया है ।इस नई समाज के मन में यह जानने की इच्छा भी नहीं हुई कि इससे पहले इतने तालाबों को किसने बनाया ।
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