Hindi, asked by kpalsingh2013, 2 months ago

प्र01 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान पूर्णक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर
दीजिए-
व्यक्ति को जीवन में स्वयं पर भरोसा रखना चाहिए। जीवन जानी भी
एक कला है। जो स्वावलंबन का महत्वपूर्ण पाठ पढ़ लेता है, अपितु केवल पाठ
ही नहीं पढ़ता, बल्कि उसे सतत् व्यावहारिक रूप देने को प्रयत्न करता है वही
सफल होता है। इसके लिए दृढ़निश्चय आत्मविश्वास , रात-दिन की
जागरुकता और निरंतर अध्यवसाय जैसे तत्व परमावश्यक हैं। इन्हीं के द्वारा
अपने हाथों को जगन्नाथ के उच्चतम पद पर प्रतिष्ठित किया जा
सकता है।
अतः आज व्यक्ति से लेकर राष्ट्र तक सह एक महत्वपूर्ण और प्राथमिक
आवश्यकता है कि हम लोग अपने हाथों में शक्ति और कूवत पैदा करें और
जापान के जगन्नाथों की तरह बर्ने। इसी राह से देश तरक्की कर पाएगा।
प्रश्न- (क) व्यक्ति को जीवन में किस पर भरोसा करना चाहिए? (1)
(ख) जीवन में सफलता किसका वरण करती है?
(1)
(ग) जीवन जीने को एक कला कहा गया है। क्यों ?
(1)
(घ) 'अपने हाथों को जगन्नाथ के उच्चतम पद पर प्रतिष्ठित करने का
आशय स्पष्ट कीजिए।
(2)
(ङ) गद्यांश में मनुष्य को किसकी तरह बनने को कहा गया है. और
क्यों ?​

Answers

Answered by pandeysoni788
0

Answer:

please English ok bro iam FF

Answered by 97anshulsharma
1

Answer:

1) swablambanam

2) जीवन जीने को एक कला कहा गया है। क्योंकि जो स्वावलंबन का महत्वपूर्ण पाठ पढ़ लेता है, अपितु केवल पाठ

ही नहीं पढ़ता, बल्कि उसे सतत् व्यावहारिक रूप देने को प्रयत्न करता है वही

सफल होता है।

3)

4)जापान के जगन्नाथों की तरह

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