प्र010. कविता में नागार्जुन ने इन दृश्यों का चित्रण नही किया
(1) मानसरोवर झील में हँसो के आनन्दपूर्वक क्रीड़ा करने
(2) कस्तूरी मृग का उन्मत होकर कस्तूरी खोजने
(3) किन्नरों का विलासिता जीवन (4) डाल्फिन मछली का
प्र011. बादलों का वर्णन करते हुए कवि को किस की याद आती है ?
(1) तुलसीदास
(2) कालीदास
(3) सूरदास
(4) रविदास
प्र012. 'खानाबदोश' कहानी के लेखक का नाम बताएँ
(1) महादेवी वर्मा
(2) पांडेयवेचन शर्मा उग्र
(3) ओमप्रकाश बाल्मीकि
(4) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
प्र013. 'खानाबदोश' कहानी समाज के किस वर्गविशेष से जुड़ी हुई है
(1) किसान वर्ग
(2) व्यापारी वर्ग
(3) पूँजीपति वर्ग
(4) मजदूर वर्ग
प्र014. 'सूबे सिंह' पात्र किस वर्ग से संबंधित है ?
(1) मजदूर वर्ग
(2) समृद्ध और ताकतवर लोग
(3) मध्यम वर्ग
(4) शोषित वर्ग
Answers
Answer:
1: इस कविता में बादलों के सौंदर्य चित्रण के अतिरिक्त और किन दृश्यों का चित्रण किया गया है?
उत्तर : इस कविता में निम्नलिखित द़ृश्यों का चित्रण हुआ है-
• ओस की बूंदों को कमलों पर गिरने के दृश्य का चित्रण
• हिमालय में विद्यमान झीलों पर हंसों के तैरने का दृश्य
• वसंत ऋतु के सुंदर सुबह के दृश्य का चित्रण
• चकवा-चकवी का सुबह मिलने का दृश्य का चित्रण
• कस्तूरी हिरण के भगाने के दृश्य का चित्रण
• किन्नर तथा किन्नरियों के दृश्य का चित्रण
प्रश्न 2:प्रणय-कलह से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर : इसका तात्पर्य है कि प्रेम से युक्त तकरार। इस तकरार में कड़वाहट के स्थान पर प्रेम शामिल होता है। यह दो प्रेमी जोड़ों के मध्यम प्रेम से भरी लड़ाई होती है। कविता में चकवा-चकवी के मध्य यह प्रणय-कलह दर्शाया गया है।
प्रश्न 3:कस्तूरी मृग के अपने पर ही चिढ़ने के क्या कारण हैं?
उत्तर : कस्तूरी मृग पूरा जीवन कस्तूरी गंध के पीछे भागता रहता है। उसे इस सत्य का भान ही नहीं होता है कि वह गंध तो उसकी नाभि में व्याप्त कस्तूरी से आती है। जब वह ढूँढ़-ढूँढ़कर थक जाता है, तो उसे अपने पर ही चिढ़ हो जाती है। वह अपनी असमर्थता के कारण परेशान हो उठता है।
प्रश्न 4:बादलों का वर्णन करते हुए कवि को कालिदास की याद क्यों आती है?
उत्तर : कालिदास ऐसे कवि हैं, जिन्होंने अपनी रचना ‘मेघदूत’ में बादल को दूत के रूप में चित्रित किया था। एक यक्ष को धनपति कुबेर ने अपने यहाँ से निर्वासित कर दिया था। निर्वासित यक्ष मेघ को दूत बनाकर अपनी प्रेमिका को संदेश भेजा करता था। कवि ने बहुत प्रयास किया कि वे उन स्थानों को खोज निकाले जिनका उल्लेख कालिदास ने किया था। उसे वे स्थान बहुत खोजने पर भी नहीं मिले। अतः बादलों का वर्णन करते हुए कवि को कालिदास की याद हो आई।
प्रश्न 5:कवि ने ‘महामेघ को इंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है’ क्यों कहा है?
उत्तर : पर्वतीय प्रदेशों में भयंकर ठंड के समय कैलाश के शिखर पर कवि ने बादलों के समूह को तूफानों से लड़ते देखा है। प्रायः पर्वतों में बादल समूह तेज़ हवाओं से टकरा जाते हैं। जिनके कारण आकाश में भयंकर गर्जना होने लगती है। उन्हें देखकर आभास होता है कि वे लड़ रहे हैं। इसी कारण कवि ने कहा है कि महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है।
प्रश्न 6: ‘बादल को घिरते देखा है’ पंक्ति को बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या सौंदर्य आया है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर : इस पंक्ति को कवि ने टेक के रूप में प्रयोग किया है। अतः इसे प्रत्येक अंतरा के बाद प्रयोग किया गया है। इस तरह कविता प्रभावी बन जाती है और उसका मूलभाव स्पष्ट हो जाता है। इसके प्रयोग से काव्य-सौंदर्य में भी अद्धुत वृद्धि हो जाती है।
है।
( कमल पर गिरते देखा है। यह सौंदर्य अद्भुत था।
(ख) संदर्भ- प्रस्तुत पंक्ति ‘नागर्जुन’ द्वारा रचित’ कविता ‘बादल को घिरते देखा है’ से ली गई हैं। इसमें कवि वर्षा ऋतु में हिमालय स्थल में बनी झीलों के सौंदर्य का वर्णन कर रहा है।
व्याख्या- कवि कहता है कि हिमालय पर्वत श्रृंखला में बहुत-सी छोटी-बड़ी प्राकृतिक झीलें विद्यमान हैं। इन झीलों में मैदानी स्थानों के ऊमस भरे मौसम से तंग आकर हंसों के समूह को आते देखा है। वे झीलों के नीले जल में तीखे-मीठे स्वाद से युक्त वाले कमल नालों को खोजते हुए तैरते हैं। वे इस झील में बहुत सुंदर लगते हैं। भाव यह है कि वर्षा ऋतु में हिमालय की झीलें इन हंसों का निवास स्थान बन जाती है।
(ग) संदर्भ- प्रस्तुत पंक्ति ‘नागर्जुन’ द्वारा रचित कविता ‘बादल को घिरते देखा है’ से ली गई हैं। इसमें कवि वसंत ऋतु की सुबह के सौंदर्य का वर्णन कर रहा है।
व्याख्या- कवि कहता है कि वसंत ऋतु का सुंदर प्रभात (सुबह) हो रहा है। इस समय मंद तथा शीतल हवा चल रही है। सूर्यास्त की सुनहरी किरणें अपने आस-पास व्याप्त शिखरों को सोने के समान रंग में रंग रही हैं। भाव यह है कि वसंत ऋतु की सुबह का सौंदर्य बहुत सुंदर होता है।
(घ) संदर्भ- प्रस्तुत पंक्ति ‘नागर्जुन’ द्वारा रचित कविता ‘बादल को घिरते देखा है’ से ली गई हैं। इसमें कवि कालिदास द्वारा मेघदूत में वर्णित स्थानों को ढूँढ़ रहा है।
व्याख्या- कवि कहता है कि कालिदास ने मेघदूत रचना में व्याप्त अलकापुरी का उल्लेख किया है। उसने उसे ढूँढ़ने का बहुत प्रयास किया लेकिन उसे नहीं मिली। कवि कहता है कि वह कौन-सा स्थान होगा, जहाँ मेघ रूपी दूत बरस पड़ा होगा। कवि कहता है कि मैंने बहुत ढूँढ़ा पर असफलता हाथ लगी है। अतः इसे जाने देते हैं शायद यह कवि की कल्पना मात्र थी।
प्रश्न 9:अन्य कवियों की ऋतु संबंधी कविताओं का संग्रह कीजिए।
उत्तर : विद्यार्थी यह कार्य स्वयं कीजिए।
प्रश्न 10:कालिदास के ‘मेघदूत’ का संक्षिप्त परिचय प्राप्त कीजिए।
उत्तर : ‘मेघदूत’ संस्कृति के प्रसिद्ध कवि तथा नाटककार कालिदास द्वारा रचित है। जैसा कि नाम से पता चलता है कि इसमें मेघ ने दूत का कार्य किया है। यह एक प्रेम कहानी है। इसमें धनपति कुबेर द्वारा अपने एक यक्ष को एक वर्ष के लिए अपनी नगर अलकापुरी से निष्काषित कर दिया जाता है। यक्ष दक्षिण दिशा में स्थित रामगिरि में बने आश्रम में रहने लगता है। वह किसी प्रकार आठ महीने व्यतीत कर लेता है लेकिन जब वर्षा ऋतु आती है, तो अपनी पत्नी यक्षी के विरह में व्याकुल हो उठता है। ऐसे में वह अपनी पत्नी के पास अपना संदेश पहुँचाना चाहता है। वह मेघ से प्रार्थना करता है और उसे विभिन्न स्थानों की जानकारी देता है, जहाँ से गुजरकर वह निश्चित स्थान पर पहुँच सकता है।
प्रश्न 11:बादल से संबंधित अन्य कवियों की कविताएँ यादकर अपनी कक्षा में सुनाइए।
उत्तर : यह कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 12:एन.सी.ई.आर.टी. ने कई साहित्यकारों, कवियों पर फ़िल्में तैयार की हैं। नागार्जुन पर भी फ़िल्म बनी है। उसे देखिए और चर्चा कीजिए।
उत्तर : यह कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।