Accountancy, asked by chandrbhankahar613, 3 months ago

प्र013 ख्याति एवं अमूर्त सम्पत्ति है। इस कथन को स्पष्ट कीजिए?

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Answered by arman2672005malik
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Answer:

जिस प्रकार व्यवसाय में भूमि, भवन, मशीन, प्लाण्ट आदि सम्पत्तियाँ होती हैं, उसी प्रकार ख्याति भी एक सम्पत्ति है। जिस प्रकार अन्य सम्पत्तियाँ बेची जा सकती है, उसी प्रकार व्यवसाय को बेचते समय इसकी ख्याति का भी मूल्य वसूल किया जाता है। हाँ, इतना अवश्य है कि अन्य सम्पत्तियाँ दिखाई देती हैं, परन्तु ख्याति अदृश्य सम्पत्ति है, जिसका कोई स्पष्ट रूप प्रकट नहीं होता, इसलिए इसे अमूर्त सम्पत्ति कहा जाता है। व्यवसाय की सभी स्थायी सम्पत्तियों को अलग से बेचा जा सकता है, परन्तु ख्याति को अलग से बेचना सम्भव नहीं। ऐसा नहीं हो सकता कि केवल ख्याति बेच दी जाए और बाकी सभी सम्पत्तियों या व्यवसाय को न बेचा जाए। यही कारण है कि ख्याति का कोई पृथक अस्तित्व नहीं है, यद्यपि व्यवसाय के साथ इसका महत्वपूर्ण अस्तित्व है। कभी-कभी यह आवश्यक हो जाता है कि व्यापार में ख्याति खाता खोला जाए, लेकिन इस खाते को व्यापार के लाभ से शीघ्र बन्द कर देना चाहिए, क्योंकि चिट्ठे में ख्याति दिखाने का कोई औचित्य नहीं होता है, क्योंकि इसके कारण सम्पत्ति पक्ष का योग अनावश्यक रूप से बढ़ जाता है, जिसके कारण बैंक व अन्य संस्थाएँ भी ऋण देते समय ख्याति के मूल्य को सम्पत्तियों में नहीं जोड़ते हैं। इसलिए इसे यथाशीघ्र अपलिखित कर देना चाहिए।

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