Hindi, asked by tiwarishivangi628, 2 months ago

प्र022 सूरदास और शिवमंगल सिंह सुमन की काव्यगत विशेषताएँ निम्न बिन्दुओं के आधार पर
लिखिए -
(क) दो रचनाएँ (ख) भावपक्ष-कलापक्ष (ग) साहित्य में स्थान
4सूरदास और शिवमंगल सिंह सुमन की काव्यगत विशेषताएं निम्न बिंदुओं के आधार पर लिखिए भाव पक्ष कला पक्ष दो रचनाएं साहित्य में स्थान ​

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Answered by RvChaudharY50
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प्रश्न :- सूरदास और शिवमंगल सिंह सुमन की काव्यगत विशेषता

(क) दो रचनाएँ (ख) भावपक्ष-कलापक्ष (ग) साहित्य में स्थान l

उतर :- सूरदास :-

(क) दो रचनाएँ :-

  • सूरसागर l
  • साहित्य लहरी l

(ख) भावपक्ष - कलापक्ष :-

  • बाल वर्णन सूर का बाल वर्णन इतना मोहक तथा मधुर है, जिसके आधार पर उन्हें वात्सल्य रस का सम्राट माना जाता है ।
  • ज्ञान और भक्ति-साधारण मनुष्य ज्ञान भक्ति का अनुसरण नहीं कर सकता । अतः सूरदास ने ज्ञान की अपेक्षा भक्ति को सुगम ठहराया है ।
  • सूरदास को ब्रजभाषा का निर्माता स्वीकारा गया है । सूरदास ने जन सामान्य में प्रचलित ब्रजभाषा को अपनाया है । भाषा सरस तथा माधुर्य से आपूरित है ।
  • शैली की दृष्टि से गीतों की पद शैली को अपनाया है ।

(ग) साहित्य में स्थान :-

  • सूर गीत काव्य के अमर गायक हैं ।
  • हिन्दी की भ्रमरगीत परम्परा के प्रवर्तक तथा उन्नायक हैं ।
  • उनकी कुछ रचनाएँ विश्व साहित्य की धरोहर हैं ।

उतर :- शिवमंगल सिंह सुमन :-

(क) दो रचना :-

  • पर आँखें नहीं भरीं l
  • विन्ध्य हिमालय l

(ख) भावपक्षा-कलापक्ष :-

  • सुमन जी की निष्ठा गाँधीजी के सत्य और अहिंसा के सिद्धान्तों पर दृढ़ रही । इसी कारण इनकी कविताओं में क्रान्तिकारी स्वर पाया जाता है ।
  • इनके काव्य में इनका स्वयं का पुष्ट जीवन दर्शन स्पष्ट दृष्टिगत है जिसमें वर्तमान के हर्ष पुलक,राग विराग और आशा उत्साह के स्वर भी मुखरित हुए ।
  • सुमन जी की भाषा सरल एवं व्यावहारिक है। उनकी खड़ी बोली में संस्कृत के सरल तत्सम शब्दों का प्रयोग हुआ है ।
  • सुमन जी ने मुक्त छन्द लिखे हैं और परम्परागत शब्दों की समृद्धि में सहयोग दिया है ।

(ग) साहित्य में स्थान :-

  • सुमन जी उत्तर छायावादी युग के प्रगतिशील प्रयोगवादी कवियों में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं ।
  • वे एक सुललित गीतकार, महान् प्रगतिवादी एवं वर्तमान युग के कवियों में अग्रगण्य हैं ।
  • वे हिन्दी साहित्य को ऐसी निधि प्रदान कर गये हैं जो कभी भी नष्ट नहीं हो सकती ।
  • हिन्दी साहित्य की प्रगति में इनका सहयोग अतुलनीय है ।

यह भी देखें :-

भवानी प्रसाद मिश्र का भाव पक्ष

brainly.in/question/38662235

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