प्र05- बालक राम की कौनसी क्रियाओं से मात्राएँ प्रसन्न होती हैं ?
अथवा
व्यक्ति को धन-दौलत का अभिमान क्यों नहीं करना चाहिए?
Answers
O बालक राम की कौनसी क्रियाओं से मात्राएँ प्रसन्न होती हैं ?
► बालक राम की बाल सुलभ क्रियाओं को देखकर माताएं प्रसन्न होती हैं। बालक राम कभी आंगन में खेलने लगते हैं, तो कभी बाल हठ करने लगते हैं। कभी रसोई में चुपचाप जाकर भोजन करने लगते हैं। कौशल्या कैकेयी और सुमित्रा तीनों माताएं बालक राम की बाल सुलभ हरकतें देखकर पुलकित हुई जा रही हैं। बालक राम कभी चाँद को देख कर उसे खिलौना समझ कर खेलने की जिद करते हैं, तब माताएं उन्हें समझाती हैं। अपने तीनों भाइयों के साथ बालक राम हास्य विनोद करते हैं और उन चारों की बाल सुलभ हरकतें देखकर तीनों माताएं और राजा दशरथ प्रसन्न हुए जा रहे हैं।
O व्यक्ति को धन-दौलत का अभिमान क्यों नहीं करना चाहिए?
► व्यक्ति को धन दौलत का अपमान इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि धन की प्रवृत्ति चंचल होती है वह किसी के पास भी स्थिर होकर नहीं रह पाता धन का मानव की वृद्धि से संबंध है यदि मनुष्य परोपकार के कार्यों में और सत कार्यों में धन का उपयोग करता है तो धन उसके पास आता रहेगा निरंतर बढ़ता रहेगा धन का प्रभाव बना रहेगा लेकिन जहां मनुष्य ने कुसंगति पकड़ ली अभियान करना शुरू कर दिया तो वहीं से उसका पतन और धन धीरे-धीरे साथ छोड़कर जाने लगता है इसके लिए मनुष्य को धन दौलत का अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि धन किसी के पास भी स्थाई रूप से टिकट नहीं रहता और जिस वस्तु को स्थाई रूप से अपने पास नहीं रख सकते तो उस पर अभिमान करने का कोई औचित्य ही नहीं बनता
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Explanation:
रस के कितने अंग होते हैं