Hindi, asked by zendebhaskar3, 5 months ago

प्र2 निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
गुरु कुम्हार सिष कुंभ है, गढ़-गढ़ काढ़े खोट।
अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।।
जाको राखे साइयाँ, मारि न सक्कै कोय।
बाल न बाँका करि सके, जो जग बैरी होय।।
नैनों अंतर आव तू, नैन झाँपि तोहिं लेवें।
ना मैं देखौं और को, ना तोहि देखन देव।।
लाली मेरे लाल की, जित देखों तित लाल।
लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल।।
कति ।
आकृति पूर्ण कीजिए :

(i) साइयाँ कहा गया है
ii) पद्यांश में प्रयुक्त मुहावरा likhia​

Answers

Answered by Asimmahi
3

Answer:

हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों को जाने के लिए हिंदी व्याकरण अच्छे तरीके से समझना बहुत जरूरी होता है और यह Website आपको हिंदी व्याकरण को समझाने में पूरी तरह से मदद करेगी। यहां हिंदी व्याकरण से संबंधित सभी टॉपिक को छोटे-छोटे भागों में वर्गीकृत करके उदाहरण सहित समझाया गया है।

Answered by Anonymous
0

Answer:

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

गुरु कुम्हार सिष कुंभ है, गढ़-गढ़ काढ़े खोट।

अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।।

जाको राखे साइयाँ, मारि न सक्कै कोय।

बाल न बाँका करि सके, जो जग बैरी होय।।

नैनों अंतर आव तू, नैन झाँपि तोहिं लेवें।

ना मैं देखौं और को, ना तोहि देखन देव।।

लाली मेरे लाल की, जित देखों तित लाल।

लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल।।

कति ।

आकृति पूर्ण कीजिए :

(i) साइयाँ कहा गया है

ii) पद्यांश में प्रयुक्त मुहावरा likhia

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