प्र21962 के बाद से भारत और चीन के आर्थिक व
राजनैतिक सम्बन्धों के बारे में लिखे। 5marks
Answers
Answer:
1962 - भारत-चीन युद्ध, ये लड़ाई क़रीब एक महीने चली थी और इसका क्षेत्र लद्दाख़ से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ था.
1967 - नाथु ला में चीन और भारत के कई सैनिक मारे गए थे. संख्या के बारे में दोनों देश अलग-अलग दावे करते हैं.
1975 - भारतीय सेना के गश्ती दल पर अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर चीनी सेना ने हमला किया था.
भारत और चीन संबंधों के इतिहास में साल 2020 का ज़िक्र भी अब 1962, 1967 और 1975 की तरह ही होगा. वजह साफ़ है भारत-चीन सीमा विवाद में 45 साल बाद इतनी संख्या में सैनिकों की जान गई है.
ऐसा नहीं है कि दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव कोई नई बात हो, लेकिन दोनों देशों ने आपसी सहमति से सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिशों के बीच राजनीतिक रिश्ते बनाए रखते हुए व्यापार और निवेश को लंबे समय तक चलते रहने दिया है.
Mark me brainlist
Explanation:
(1) 1962 का संघर्ष भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में एक निर्णायक क्षण था।लेकिन, इसे समझने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के परिप्रेक्ष्य को समझना भी आवश्यक है।
(2) संघर्ष शीत युद्ध के एक विशिष्ट चरण के दौरान और दो महत्वपूर्ण विकास के मौकों पर हुआ (क) क्यूबा में दो महाशक्तियों के टकराव और (ख) समाजवादी गुट में विभाजन की शुरुआत हुई।इन आयामों को अधिकांश अध्ययनों में हस्तक्षेप के अधिकार के कारण नहीं दिया गया है।
(3) इसके बादअंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर राजनीतिक और रणनीतिक बदलाव हुएजिसने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित किया।चीन-भारत संबंध के टूटने के साथ हीभारत और चीन दोनों की विदेश नीति में स्पष्ट बदलाव आयाजिसने क्षेत्रीय और वैश्विक गतिशीलता में योगदान दिया।
(4) 1962 के संघर्ष के बारे में भारत में गंभीर रूप से किए गए बहुत कम अध्ययन सामने आए हैं।भारत में अनुसंधान के क्षेत्र में बहुत तरक्की नहीं की है क्योंकि संघर्ष से संबंधित महत्वपूर्ण क्षेत्र अभी भी गोपनीय हैं। 1962 के संघर्ष के समग्र अध्ययन करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैकि अभिलेखीय सामग्री का अन्वेषण किया जाए।