प्र7. दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर निम्नलिखित विषयों पर लगभग 100 शब्द अनुच्छेद लिखिए- (क) आत्मनिर्भर भारत- तात्पर्य, कैसे संभव, विश्व में आर्थिक पहचान।
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Answer:
निबन्ध 2 (400 शब्द) – आत्मनिर्भर भारत का सपना
प्रस्तावना
हर किसी का सपना होता है कि वो आत्मनिर्भर बने और यह वास्तव मे किसी व्यक्ति मे सबसे अच्छा गुण होता है। यदि कोई व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है तो वह हर मुंश्किलों का सामना करके आगे बढ़ता है और मुसीबतों से खुद को आसानी से निकाल लेता है। हर व्यक्ति खुद मे आत्मनिर्भर बनकर अपनी, अपने परिवार के साथ-साथ अपने देश के उत्थान मे भी अपना पूरा सहयोग कर सकता है।
आत्मनिर्भर भारत बनने की जरुरत क्यो
भारत प्राचीन काल से ही संसाधनों से परिपूर्ण देश रहा है। यहां हर प्रकार के चीजों को बनाने और उसका अपने जीवन मे उपयोग कर अपने राष्ट्र निर्माण मे मदद कर सकता है। पूरे विश्व मे केवल भारत ही ऐसा देश है जहां सबसे अधिक प्राकृतिक संसाधन पाये जाते है, जो कि बिना किसी देश की मदद से जीवन से लेकर राष्ट्र निर्माण की वस्तुएं बना सकता है और आत्मनिर्भर के सपने को पूरा कर सकता है।
हालाकि भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सपना नया है। यह सपना महात्मा गांधी ने आजादी के बाद ही स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया था, पर गरीबी और भुखमरी के कारण उनका सपना साकार न हो सका।
करोना महामारी के कारण पिछले कई महीनों से सारा विश्व बन्द पड़ा है, जिसके कारण छोटे लोगों से लेकर पूंजीपतियों तक को भारी नुकसान और परेशानीयों का सामना करना पड रहा है। खासतौर से हमारे छोटे और मध्यम वर्ग के परिवारों को कमाने खाने की समस्या काफी बढ़ गयी है।
कोरोना महामारी के कारण किसी भी देश से सामानों का आदान-प्रदान बन्द है। इसलिए मई के महीने मे तालाबन्दी के दौरान हमारे प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर बनने का आह्वाहन किया है। उन्होने “लोकल फॉर वोकल” का भी नारा दिया। जिसका अर्थ है कि लोकल मे बनी वस्तुओं का उपयोग और उनका प्रचार करना और एक पहचान के रुप मे आगे बढ़ना।
महामारी के दौरान ही चीन ने भारत के डोकलाम सीमा क्षेत्र मे कब्जा करने की कोशिश की, जिसमे भारत के लगभग 20 जवान शहीद हो गए। सीमा के इस विवाद मे भारत के सैनिकों की क्षति के कारण देश के हर कोने से चीनी सामान को बैन करने की माँग के साथ ही, चीनी सामानो को बन्द कर दिया गया और प्रधानमंत्री ने सारे देश को आत्मनिर्भर बनने का मंत्र दिया। उन्होने कहा कि आत्मनिर्भर बनकर घरेलु चीजों का इस्तेमाल करें ताकि हमारा राष्ट्र मजबूती के साथ खड़ा हो सके।
पिछले कुछ महीनों से विश्व कोरोना वायरस महामारी के कारण बन्द पड़ा है। इसके कारण सारे विश्व मे वित्तीय संकट के बादल छाएं है। इसी कड़ी मे भारत ने खुद को आत्मनिर्भर बनाने और राष्ट्र को आगे ले जाने फैसला किया है। विश्व बन्दी के कारण सारे विश्व के उत्पादों पर भारी असर हुआ है, इसलिए भारत ने स्वयं को आत्मनिर्भर बनाकर देश की तरक्की पर अपना कदम आगे बढ़ाया है।
इन सभी स्थितियों को देखते हुए और भारत की मूल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों से आत्मनिर्भरता से लेकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने को देशवासीयों से अपील की है। भारत इस ओर धीरे-धीरे अग्रसर भी हो रहा है।
निष्कर्ष
कोरोना की महामारी काल मे सभी देश अपने आन्तरिक स्थितीयों और समस्याओं, बेरोजगारी, भुखमरी, चिकित्सा और कई अन्य समस्याओं से जुझ रहा है और भारत भी उनमे से ही एक है। भारत को इन समस्याओं से लड़ने और देश को तरक्की की राह पर आगे ले जाने के लिए आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने मे अग्रसर है।