'पूरब में लोही लग गई थी' में लोही लगने का आशय क्या है?
(क) लाली।
(ग) भोर।
(घ) सूरज।
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सही जवाब है,
(क) लाली
स्पष्टीकरण :
‘पूरब में लोही लग गई‘ में ‘लोही लगने’ से आशय सूरज की लाली से था। इसका मतलब है कि पूरब दिशा में सुबह-सुबह आसमान में सूरज की लाली छा गयी थी।
‘बालगोबिन भगत’ पाठ में लेखक वर्णन करता है कि एक दिन माघ मास की दाँत किटकिटाने वाली सुबह में बालगोबिन भगत के संगीत के स्वर सुनकर लेखक पोखर तक आ गया। उस समय आसमान में तारे नहीं बुझे थे यानि तारे नही छुपे थे।
पूरब दिशा में लोही लग गयी थी, अर्थात पूरब दिशा में सुबह सुबह सूरज की लालिमा बिखरने लगी थी। इस लालिमा को शुक्र तारा और अधिक बढ़ा रहा था। खेत-खलिहान, घर सब जगह कुहासा छाया हुआ था लेकिन बालगोबिन भगत पूरब की तरफ मुँह किए काली कमली ओढ़े मगन होकर अपनी खँजड़ी बजा रहे थे। लेखक उनके गाने को तन्मयता से सुनने लगा।
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