Business Studies, asked by swarasoni123, 8 days ago

प्रबंध के सिद्धांतों की प्रकृति की व्याख्या कीजिये?​

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Answered by BrainTeach
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प्रबंध के सिद्धांतों की प्रकृति सिद्धांत, कार्य के लिए मार्गदर्शन का कार्य करते हैं। यह कारण एवं परिणाम में संबंध को स्पष्ट करते हैं। प्रबंध करते समय, प्रबंध के कार्य नियोजन, संगठन, नियुक्तिकरण, निदेशन एवं नियंत्रण प्रबंध की क्रियाएँ हैं।

Answered by brainly47543
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Explanation:

सर्वप्रथम प्रबंध संबंधी विचारों को 3,000-4,000 ई. पू. में दर्ज किया गया। मिस्र के शासक क्योपास को 2,900 ई. पू. में एक पिरामिड के निर्माण के लिए 1 लाख आदमियों की 20 वर्ष तक कार्य करने की आवश्यकता हुई। यह 13 एकड़ जमीन पर बनाया गया तथा इसकी ऊँचाई 481 मीटर थी। पत्थर की शिलाओं को हजारों किलोमीटर से लाया जाता था। किवंदति के अनुसार इन पिरामिडों के आसपास के गाँवों में हथौड़े तक की आवाज सुनाई नहीं देती थी। ऐसे यादगार कार्य को बिना सफल प्रबंधक सिद्धांतों का अनुसरण किए पूरा करना संभव नहीं था।

क्लासिकी प्रबंध सिद्धांत संपादित करें

इस चरण की विशेषता विवेकशील आर्थिक विचार, वैज्ञानिक प्रबंधन, प्रशासनिक सिद्धान्त, अफसरशाही संगठन हैं। विवेकशील आर्थिक विचार की धारणा थी कि लोग मूलतः आर्थिक लाभों से प्रोत्साहित होते हैं। एल. डब्ल्यू. टेलर एवं अन्य सिद्धान्तकारों का वैज्ञानिक प्रबंधन उत्पादन आदि के लिए एक सर्वोत्तम ढंग पर जोर देता है। हेनरी फेयॉल के समान व्यक्तित्व वाले प्रशासनिक सिद्धांतवेत्ताओं ने पद एवं व्यक्तियों को एक सक्षम संगठन में परिवर्तित करने के लिए सर्वोत्तम मार्ग ढूँढ़ा। अफसरशाही संगठन के सिद्धांतवेत्ता, जिनमें अग्रणी मैक्स वैबर थे, ने अधिकारों के गलत प्रयोग, जिससे प्रभावशीलता समाप्त होती थी, के कारण प्रबंधकीय अनियमितताओं को समाप्त करने के मार्ग की खोज की। यह औद्योगिक क्रांति एवं उत्पादन की कारखाना प्रणाली का युग था। बिना संगठनबद्ध उत्पादन को शासित करने वाले सिद्धांतों का अनुसरण किए बिना बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव नहीं था। यह सिद्धांत श्रम विभाजन एवं विशिष्टीकरण, मानव एवं मशीन के बीच पारस्परिक संबंध, लोगों का प्रबंधन आदि पर आधारित थे।

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