Hindi, asked by laxmanverma33, 1 month ago

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी जाकी अंग-अंग बास समानी किस संत कवि की पत्तियां है​

Answers

Answered by kumarbadal829
1

Answer:

यह बात अनिरुद्ध सिंह सेंगर ने कही

Explanation:

रविदास जी ने कर्म को महत्ता दी है, तभी कठौती में गंगा जैसी कहावत प्रचलन में आई। उनका यह पद 'प्रभु जी तुम चंदन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी' भक्त का अनुपम चित्र निरूपित करता है। वे लोक के कवि है। यह बात अनिरुद्ध सिंह सेंगर ने कही।

Answered by rohitsriram1206
0

Answer:

Sorry I don't Understand Hindi

Explanation:

Ask in English pls let me answer

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