Hindi, asked by brainly6714, 16 days ago

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी जाकी अंग-अंग बास समानी प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा जेसे चित्वत चंद चकोरा. Explain

Answers

Answered by harsh93198
0

Answer:

यह पत्तियां निर्गुण भक्ति धारा के कवि संत रविदास (रैदास) द्वारा रचित हैं ।

Attachments:
Similar questions