Hindi, asked by srevedabrundadevi, 1 year ago

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी। जाकी अंग-अंग बास समानी॥
प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा। जैसे चितवत चंद चकोरा॥
प्रभु जी तुम दीपक हम बाती। जाकी जोति बरै दिन राती॥
प्रभु जी तुम मोती हम धागा। जैसे सोनहिं मिलत सोहागा।
प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा। ऐसी भक्ति करै 'रैदासा॥

इस का अर्थ है क्या ?

Answers

Answered by kvnmurty
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प्रभुजी यानि भगवान  शायद कृष्ण या रामजी |

   हे भगवान, तुम चन्दन जैसे बहु मूल्यवान, खुशबूदार , सब के प्रिय हो |  हम लोग पानी जैसे हैं| हम अपने आपको  तुमसे मिलाकर, अंग अंग में जैसे चन्दन बदन पर अलगाते हैं, वैसे तुमको ही बसाकर जीते हैं |  पूरा बदन तेरे ही नाम से पुलकित होता है | 

  हे भगवान्, तुम एक घने जंगल  हो, जिसमें हम मोर की तरह आनंद से घुमते हैं| और अपने मन में तेरे ही इंतजार करते हुए, जैसे चकोर पक्षी चाँद का इंतज़ार करती है और उसे ही देखती है | 
 
   हे भगवान तुम दीप, कांति हो | तुम ज्योति बन कर दिन रत हमें रास्ता दिखाते हो|

   तुम प्रकाश करती हुई मोती हो | हम धागा हैं | मोती जैसे तुम मिले तो हम धागे में डाल कर अपने पास रखते हैं| और खुश होते हैं| जैसे कि एक सोनार को सोना मिले तो वो एक हार बनाकर खुश होता है| 

  हे भगवान तुम  हमारे मालिक और स्वामी हो | हम तेरे दास हैं |  तेरी भक्ती में मैं मग्न हूँ |  मैं तुम्हारी भक्ती में यह कहता हूँ | 


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Answered by Piyush8250
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Answer:

Bhagwaan ki bhakti me lin bhakt kahtaa hai aapki bhakti me mere saare gam dur ho gaye hain. Bhakt har kaarya me apne aur bhagwaan ko jodata hai. Wo kahtaa hai prabhu ji tum chandan ham paani aap sui ham dhaagaa. Kahte hue vo apne saare gam bhul jaate hain.

Explanation:

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