Hindi, asked by lullaleenayahoocom, 10 months ago

प्रभु जी, तुम मोती हम धागा , जैसे सोनहिं मिलत सुहागा
(explain)​

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Answered by shishir303
26

प्रभु जी, तुम मोती हम धागा , जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।

व्याख्या : यह पंक्तियां कवि रैदास द्वारा रचित पद की पंक्तियां हैं। इस पंक्ति में कवि ईश्वर की महिमा का गुणगान करके ईश्वर अपने बीच के प्रेम संबंध को स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि हे प्रभु आप मोती के समान हो और हम उस मोती के अंदर पिरोये जाने वाले धागे के समान हैं। आपका मेरा संबंध सोने-सुहागे की तरह है। जिस तरह सुहागे के संपर्क में आकर सोना और अधिक खरा हो जाता है, उसी तरह आप के संपर्क में आकर मैं भी उतना ही पवित्र हो गया हूँ।

Answered by tejassharma20120649
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Answer:

Explanation:

ह पंक्तियां कवि रैदास द्वारा रचित पद की पंक्तियां हैं। इस पंक्ति में कवि ईश्वर की महिमा का गुणगान करके ईश्वर अपने बीच के प्रेम संबंध को स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि हे प्रभु आप मोती के समान हो और हम उस मोती के अंदर पिरोये जाने वाले धागे के समान हैं। आपका मेरा संबंध सोने-सुहागे की तरह है। जिस तरह सुहागे के संपर्क में आकर सोना और अधिक खरा हो जाता है, उसी तरह आप के संपर्क में आकर मैं भी उतना ही पवित्र हो गया हूँ।

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