Hindi, asked by Anonymous, 7 months ago

प्रभु जी तुम दीपक हम बाती। जाकी जोति बरै दिन राती|| ka arth

Answers

Answered by poonamdurgatiwari735
19

Answer:

hope you understand. please mark me brainliest.

Explanation:

यदि भगवान दीपक हैं तो भक्त उसकी बाती की तरह है जो दिन रात रोशनी देती रहती है।

Answered by vikasbarman272
0

पंक्तियों का भावार्थ – यह पंक्तियां रैदासबानी नामक पद से लिया गया है l जिसके लेखक संत रैदास है l इन पंक्तियों में रैदास जी ईश्वर और भक्त के सम्बन्ध की व्याख्या करते हुए कहते हैं कि ईश्वर के बिना भक्त का कोई अस्तित्व नहीं है। यदि भगवान दीपक हैं, तो भक्त वर्तिका के समान है। दोनों मिलकर प्रकाश फैलाते हैं। भगवान मोती हैं तो भक्त धागा हैं, दोनों मिलकर एक सुंदर हार बन जाते हैं। दोनों का मिलन सोने पर सुहागा जैसा है. इसमें दास्य भक्ति शरण तत्व का भी चित्रण किया गया है। वे (रैदास) प्रभुजी को स्वामी मानते हैं और स्वयं को उनका दास या सेवक मानते हैं। इस प्रकार उन्होंने भगवान और भक्तों के बीच के संबंध को उजागर किया है I

For more questions

https://brainly.in/question/19597502

https://brainly.in/question/24290794

#SPJ6

Similar questions