Hindi, asked by sunilmalik0080, 6 months ago

प्रभा:-निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
मैंने देखा
एक बड़ा बरगद का पेड़ खड़ा है
उसके नीचे कुछ छोटे-छोटे पौधे
बड़े सुशील विनम्र
देखकर मुझको यूं बोले-
हम भी कितने खुश किस्मत हैं।
जो खतरों का नहीं सामना करते
आसमान से पानी बरसे. आधी गरजे
बिजली कडके आगी बरसे
हमको कोई फिक्र नहीं है
एक बड़े बरगद की छत्रछाया के नीचे
हम अपने दिन बिता रहे हैं
बड़े सुखी हैं।
क) छोटे पौधों का स्वभाव कैसा है?
ख) खुशकिस्मत का विलोम लिखिए।
ग) किसकी छत्रछाया वरदान जैसी है?
घ) सुख पाने का क्या तरीका बताया गया है?
ड) इस पद्यांश का एक उचित शीर्षक दीजिए।​

Answers

Answered by ks561375058
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क- छोटे पौधों का स्वभाव सुशील और विनम्र था।

ख- बदकिस्मत।

ग- भारत की छत्रछाया वरदान जैसी है।

घ- इसमें सुख पाने का यह तरीका बताया गया है कि एक बड़े बरगद की छत्रछाया के नीचे हम अपने दिन बिता रहे हैं।

ड- बरगद की छाया।

Explanation:

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