प्रच्छन्न बेरोजगारी में सीमांत उत्पादन क्या होता है
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इसे प्रच्छन्न बेरोजगारी कहा जाता है। यह विशेष रूप से कृषि में होती है, जहां कृषक के पारिवारिक सदस्य भूमि पर कार्य करने में संलग्न तो होते हैं, किंतु दिए हुए उत्पादन के स्तर में कोई योगदान नहीं देते। इस प्रकार, उनकी सीमांत उत्पादकता शून्य होती है। और प्रयास के अनुसार पूर्ण रोजगार नहीं दे पाती।
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