प्रच्छन्न और मौसमी बेरोज़गारी में क्या अंतर है?
Answers
उत्तर :
प्रच्छन्न और मौसमी बेरोजगारी में निम्नलिखित अंतर है :
प्रच्छन्न बेरोजगारी :
१. प्रच्छन्न बेरोजगारी के अंतर्गत वव श्रमिक आते हैं जो श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी करते हैं परंतु उत्पादन में कोई योगदान नहीं देते। उन्हें काम से हटा देने पर भी उत्पादन में कोई कमी नहीं होती।
२. यह प्राय: ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाती है।
३. यह प्राय: कृषि क्षेत्र में पाई जाती है।
मौसमी बेरोजगारी :
१. मौसमी बेरोजगारी वह है जिसमें श्रमिकों को वर्ष के कुछ खास महीनों में कार्य प्राप्त होता है।
२. यह ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में पाई जाती है।
३ यह प्राय: कृषि आधारित उद्योगों में पाई जाती हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answer:
प्रच्छन्न और मौसमी बेरोजगरी के बीच अंतर यह है कि प्रच्छन्न बेरोजगारी तब होती है जब अधिशेष श्रम नियोजित होता है। जिसमें से कुछ कर्मचारियों के पास शुन्य या लगभग शून्य सीमांत उत्पादकता होती है। जबकि मौसमी बेरोजगारी तब होती है जब व्यक्ति वर्ष के कुछ निश्चित समय में बेरोजगार होते है क्युकी वे उद्योगों में नियोजित होते है।
Explanation:
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