प्रचीन भारत और के पर्यावरण और मानव का वर्णन करें ।
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प्रकृति में वायु, जल, मृदा, पेड़-पौधे तथा जीव-जन्तु सभी सम्मिलित रूप में पर्यावरण की रचना करते हैं। सामान्यतया किसी स्थान विशेष में मानव के चरों तरफ (स्थल, जल, वायु, मृदा आदि) का वह आवरण जिससे वह घिरा है, पर्यावरण (Environment) कहलाता है; अर्थात् पर्यावरण से अभिप्राय आसपास या पासपड़ोस (surrounding) अर्थात् हमारे चारों ओर फैले हुए मानव, जन्तुओं या पौधों के उस वातावरण एवं परिवेश से है, जिससे हम घिरे हुए हैं।
‘Environment’ शब्द दो शब्दों ‘Environ’ तथा ‘Ment’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है घेरना (Encircle) तथा चतुर्दिक (All around), अर्थात् चारों ओर से घेरना। यह मूल रूप से फ्रेंच भाषा के ‘Environer’ शब्द से बना है जिसका अभिप्राय समस्त पारिस्थितिकी अथवा समस्त बाह्य दशाएं होता है।
पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है- ‘परि’ ‘आवरण’, अर्थात् जिससे सम्पूर्ण जगत घिरा हुआ है। इस प्रकार पर्यावरण उस आवरण को कहेंगे जो सम्पूर्ण पृथ्वी (जलमण्डल, स्थलमण्डल, वायुमण्डल) तथा इनके विभिन्न घटकों को अपने से ढके हुए है। पर्यावरण की संकल्पना में वायु, स्थल, जल और पादप सम्मिलित हैं।
पर्यावरण की परिभाषा Definition Environment
पर्यावरण को परिभाषित करते हुए विभिन्न विद्वानों ने अलग-अलग विचार व्यक्त किए हैं-
पर्यावरण को परिभाषित करते हुए हर्सकोविट्स (Herskovites) लिखते हैं कि “पर्यावरण सम्पूर्ण बाह्य परिस्थितियों और उसका जीवधारियों पर पड़ने वाला प्रभाव है जो जैव जगत के विकास चक्र का नियामक है।”
प्रो. जे. स्मिथ (J. smith) के अनुसार, भौतिक, रासायनिक तथा जैविक दशाओं का योग, जो एक जीव द्वारा अनुभव किया जाता है। इसमें जलवायु, मृदा, जल, प्रकाश, निकटवर्ती वनस्पति, व्यक्तिगत तथा अन्य प्रजातियां सम्मिलित हैं।
डी. एच. डेविड (D. H. David) के अनुसार “पर्यावरण का अभिप्राय भूमि या मानव के चारों ओर से घेरे हुए उन सभी भौतिक स्वरूपों से है, जिनमें न केवल वह रहता है। अपितु जिनका प्रभाव उसकी आदतों एवं क्रियाओं पर भी स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है।”
ए. गाउडी (A. Goudie) ने अपनी पुस्तक The Nature of Environment में पृथ्वी के भौतिक घटकों को ही पर्यावरण का प्रतिनिधि माना है तथा उनके अनुसार पर्यावरण को प्रभावित करने में मानव एक महत्वपूर्ण कारक है।
वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग की परिभाषा के अनुसार, “पर्यावरण चारों ओर की उन बाह्य दशाओं का सम्पूर्ण योग होता है, जिसके अन्दर एक जीव अथवा समुदाय रहता है, या कोई वस्तु उपस्थित करती है।”
दी यूनीवर्सल एनसाइक्लोपीडिया में पर्यावरण को परिभाषित करते हुए लिखा है कि “उन सभी दशाओं, संगठन एवं प्रभावों का समग्र जो किसी जीव या प्रजाति के उद्भव, विकास एवं मृत्यु को प्रभावित करती है, पर्यावरण कहलाती है।”
फिटिंग ने पर्यावरण के लिए लिखा है कि “जीवों के पारिस्थितिक कारकों का योग पर्यावरण है।“
एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका (Encyclopaedia Britanica) के अनुसार, “पर्यावरण उन सभी बाह्य प्रभावों का समूह है जो जीवों को भौतिक एवं जैविक शक्ति से प्रभावित करते रहते हैं तथा प्रत्येक जीव को आवृत किए रहते हैं।”
उपरोक्त सभी परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि पर्यावरण अनेक तत्वों का, मुख्यतः प्राकृतिक तत्वों का समूह है जो जीव जगत को एकाकी तथा सामूहिक रूप से प्रभावित करता है।
मनुष्य हो या अन्य जीवजन्तु सभी पर्यावरण की उपज हैं, उनकी उत्पति, विकास, वर्तमान स्वरूप एवं भावी अस्तित्व सभी पर्यावरण की परिस्थिति पर ही निर्भर है। पर्यावरण के लिए कुछ विद्वान मिल्यू (Milieu) तो कुछ विद्वान हैबिटाट (Habitat) शब्द का प्रयोग करते हैं। इसी तरह प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानी प्राकृतिक पर्यावरण’ तथा भूगोलविद् भौगोलिक पर्यावरण का भी प्रयोग करते हैं, परन्तु अधिक प्रचलित तथा मान्य मत के अनुसार मौलिक रूप से पर्यावरण का स्वरूप प्राकृतिक है अर्थात् प्राकृतिक तत्वों के प्रभाव एवं उपयोग से है। आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक पर्यावरण जन्म लेता है तथा उसी से ये नियन्त्रित एवं परिचालित होते हैं। अतः वर्तमान अध्ययन में प्राकृतिक पर्यावरण को ही आधार मानना उचित होगा, जिसमें अनेक तत्वों के साथ-साथ मानव स्वयं भी एक कारक के रूप में कार्य करता है।
पर्यावरण की संरचना Composition of Environment
पर्यावरण जैविक तथा अजैविक दो प्रकार का होता है इसलिए इसमें जैविक तथा अजैविक दोनों घटक शामिल किए जाते हैं। इसी आधार पर पर्यावरण की संरचना को निर्धारित किया गया है। पर्यावरण की यह आधारभूत संरचना इस प्रकार पर्यावरण के प्रमुख कारकों में विभक्त करके देखी जा सकती है-
भौतिक पर्यावरण,
जैविक पर्यावरण।
भौतिक पर्यावरण या अजैविक कारक
इसके अन्तर्गत हम भौतिक पर्यावरण को 3 श्रेणियों में वर्गीकृत करके देख सकते हैं :
भौतिक पर्यावरण का ठोस रूप जैसे-स्थलमण्डल,
भौतिक पर्यावरण का तरल रूप जैसे-जलमण्डल,
भौतिक पर्यावरण का गैसीय रूप जैसे वायुमण्डल
इस तरह से भौतिक पर्यावरण स्वयं तीन प्रकार के पर्यावरणों से मिलकर बना होता है जिसे क्रमशः स्थलमण्डलीय पर्यावरण, जलमण्डलीय पर्यावरण तथा वायुमण्डलीय वातावरण कहते हैं। विभिन्न क्षेत्रीय मापकों को ध्यान में रखकर इन तीन पर्यावरण को कई लघु इकाइयों में वर्गीकृत किया जा सकता है। जैसे पर्वतीय पर्यावरण, मैदानी पर्यावरण, पठारी पर्यावरण आदि।