Hindi, asked by vikaschandrarai1977, 4 months ago

प्रगीत को आप किस रूप में परिभाषित करेंगे? इसके बारे में क्या धारणा प्रचलित रही है?​

Answers

Answered by vidushisharma75
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Answer:

आलोचक की दृष्टि में प्रगीत वैसा काव्य है जिसमें व्यक्ति का एकाकीपन झलके अथवा समाज के विरुद्ध व्यक्ति या समाज से कटा हुआ हो। ... उसका आत्मसंघर्ष समाज में प्रतिफलित होता है।

Answered by UsmanSant
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प्रगति का साधारण शब्दों में अर्थ होता है आगे बढ़ना इसे निम्नलिखित रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

  • जब मनुष्य भौतिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक रूप से आगे की ओर बढ़ने लगता है तो उसे हम प्रगति कह सकते हैं।
  • प्रगति अपने आप में एक बहुत बड़ा शब्द है, इसमें बहुत से भाव निहित हैं। प्रगति का अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग परिभाषा हो सकती है। क्योंकि इसका स्वरूप विस्तृत है।
  • इसके बारे में यह धारणा प्रचलित रही है की अगर मनुष्य आर्थिक रूप से आगे बढ़ रहा है और अपनी सुख सुविधाएं बढ़ा रहा है तो इसका मतलब यह है की वहा तरक्की अर्थात प्रगति कर रहा है।
  • यह धारणा काफी संकीर्ण मानसिकता की तरफ इशारा करती है क्योंकि महज भौतिकता ही प्रगति का पैमाना नहीं हो सकती।
  • प्रगति एक सर्व साधारण शब्द है और जब तक सर्व साधारण का भौतिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक विकास नहीं हो तो उसे किसी समाज की प्रगति नही मानी जा सकती है।

#SPJ2

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