Hindi, asked by zainab5644, 6 months ago

प्रगति के अंधानुकरण का दुष्प्रभाव प्रकृति के समस्त उपादानों पर पड़ा है।
पर्वत भी इससे अछूते नहीं हैं- अपने विचार लिखिए।​

Answers

Answered by Angel028
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Explanation:

अनुसार आज समस्त संसार में बढ़ रहेप्रदूषण से प्रत्येक मनुष्य किसी न किसी रोग से ग्रस्त है। हर इंसान को अपने आस-पास फैली हुई गंदगी को एकजुट होकर साफ करना चाहिए। राम कुमार शर्मा के अनुसार जिस प्रकार हम अपने घर को एक मंदिर की तरह मानते है वैसे ही हमें पूरे विश्व को मंदिर समझते हुए चारों तरफ के सफाई व्यवस्था बनाए रखने में योगदान देना चाहिए। मदन गोपाल शर्मा के अनुसार आधुनिक युग में बढ़ती गंदगी का एक कारण प्लास्टिक बैगों का उपयोग है, चूंकि यह शीघ्र नष्ट नहीं होते। कुलदीप चंद के अनुसार अपने वातावरण को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने के लिए हमें बचपन से ही बच्चों को शिक्षित करना चाहिए। चंद्र मोहन सहोड़ का कहना है कि यदि अपने आस-पास में कहीं गंदगी देखें तो उसे मिलकर साफ करे यह हमारा कर्तव्य है। रतन चंद का मानना है कि यदि राष्ट्र को रोग मुक्त करना है तो हमें सफाई का कार्य एकजुट होकर करना चाहिए तथा जहां भी हमें गंदगी दिखाई दे उसे मिलकर साफ करना चाहिए।

Answered by akshayagupta2011
2

Answer:

ANSWER IS MENTION DOWN

Explanation:                                                                                                             नुसार आज समस्त संसार में बढ़ रहेप्रदूषण से प्रत्येक मनुष्य किसी न किसी रोग से ग्रस्त है। हर इंसान को अपने आस-पास फैली हुई गंदगी को एकजुट होकर साफ करना चाहिए। राम कुमार शर्मा के अनुसार जिस प्रकार हम अपने घर को एक मंदिर की तरह मानते है वैसे ही हमें पूरे विश्व को मंदिर समझते हुए चारों तरफ के सफाई व्यवस्था बनाए रखने में योगदान देना चाहिए। मदन गोपाल शर्मा के अनुसार आधुनिक युग में बढ़ती गंदगी का एक कारण प्लास्टिक बैगों का उपयोग है, चूंकि यह शीघ्र नष्ट नहीं होते। कुलदीप चंद के अनुसार अपने वातावरण को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने के लिए हमें बचपन से ही बच्चों को शिक्षित करना चाहिए। चंद्र मोहन सहोड़ का कहना है कि यदि अपने आस-पास में कहीं गंदगी देखें तो उसे मिलकर साफ करे यह हमारा कर्तव्य है।अनुसार आज समस्त संसार में बढ़ रहेप्रदूषण से प्रत्येक मनुष्य किसी न किसी रोग से ग्रस्त है। हर इंसान को अपने आस-पास फैली हुई गंदगी को एकजुट होकर साफ करना चाहिए। राम कुमार शर्मा के अनुसार जिस प्रकार हम अपने घर को एक मंदिर की तरह मानते है वैसे ही हमें पूरे विश्व को मंदिर समझते हुए चारों तरफ के सफाई व्यवस्था बनाए रखने में योगदान देना चाहिए। मदन गोपाल शर्मा के अनुसार आधुनिक युग में बढ़ती गंदगी का एक कारण प्लास्टिक बैगों का उपयोग है, चूंकि यह शीघ्र नष्ट नहीं होते। कुलदीप चंद के अनुसार अपने वातावरण को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने के लिए हमें बचपन से ही बच्चों को शिक्षित करना चाहिए। चंद्र मोहन सहोड़ का कहना है कि यदि अपने आस-पास में कहीं गंदगी देखें तो उसे मिलकर साफ करे यह हमारा कर्तव्य है।

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