प्रगति क्या है भारत की निम्न पुरापाषाण संस्कृति की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें
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प्रागितिहास (Prehistory) इतिहास के उस काल को कहा जाता है जब मानव तो अस्तित्व में थे लेकिन जब लिखाई का आविष्कार न होने से उस काल का कोई लिखित वर्णन नहीं है।[1] मानव प्रागितिहास, पत्थर के उपकरण का उपयोग 3.3 मिलियन साल पहले होमिनिन्स और लेखन प्रणालियों के आविष्कार के बीच की अवधि है। सबसे पहले लेखन प्रणाली 5,300 साल पहले दिखाई दी थी, लेकिन लेखन को व्यापक रूप से अपनाया जाने में हजारों साल लग गए, और 19 वीं शताब्दी तक या वर्तमान तक भी कुछ मानव संस्कृतियों में इसका उपयोग नहीं किया गया था। मेसोपोटामिया में सुमेर, सिंधु घाटी सभ्यता और प्राचीन मिस्र अपनी खुद की लिपियों को विकसित करने और ऐतिहासिक रिकॉर्ड रखने वाली पहली सभ्यताएं थीं; यह शुरुआती कांस्य युग के दौरान पहले से ही था। इस काल में मानव-इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुई जिनमें हिमयुग, मानवों का अफ़्रीका से निकलकर अन्य स्थानों में विस्तार, आग पर स्वामित्व पाना, कृषि का आविष्कार, कुत्तों व अन्य जानवरों का पालतू बनना इत्यादि शामिल हैं। ऐसी चीज़ों के केवल चिह्न ही मिलते हैं, जैसे कि पत्थरों के प्राचीन औज़ार, पुराने मानव पड़ावों का अवशेष और गुफाओं की कला। पहिये का आविष्कार भी इस काल में हो चुका था जो प्रथम वैज्ञानिक आविष्कार था
प्रगति उसी को कहेंगे जहाँ मनुष्य की गति है - भैतिक-मानसिक तथा मानसिक-आध्यात्मिक। यह भौतिक-मानसिक गति क्या है, समाज के जितने मनुष्य हैं, सबों को साथ लेकर चलूँगा। साधक केवल अपने आगे बढ़ेंगे और दुनिया के और व्यक्ति पीछे रह जाएँगे-यह मनोभाव साधक का नहीं है।
Explanation:
पुरापाषाण संस्कृति की मुख्य विशेषता
1. इसकी शुरूआत प्रतिनूतन युग (2000000 ई.पू. से 11000 ई.पू.) में हुई|
2. भारत में सर्वप्रथम पुरापाषाण कालीन चट्टान की खोज रॉबर्ट ब्रूस फूटी ने 1863 में की थी|
3. भारत में पुरापाषाण अनुसंधान को 1935 में “डेटेरा और पैटरसन” के नेतृत्व में “येले कैम्ब्रिज अभियान” के आने के बाद बढ़ावा मिला है|
4. इस काल में अधिकांश उपकरण कठोर “क्वार्टजाइट” से बनाए जाते थे और इसलिए इस काल के लोगों को “क्वार्टजाइट मैन” भी कहा जाता है|
5. इस काल के लोग मुख्यतः “शिकारी” एवं “खाद्य संग्राहक” थे|
6. प्रारंभिक या निम्न पुरापाषाण काल का संबंध मुख्यतः हिम युग से है और इस काल के प्रमुख औजार हस्त-कुठार (hand-axe), विदारनी (cleaner) और कुल्हाड़ी (chopper) थे|
7. मध्य पुरापाषाण काल की प्रमुख विशेषता शल्क (flakes) से बने औजार हैं| इस काल के प्रमुख उपकरण ब्लेड, पॉइंट और स्क्रैपर थे|
8. उच्च पुरापाषाण काल में होमो सेपियन्स और नए चकमक पत्थर की उपस्थिति के निशान मिलते हैं| इसके अलावा छोटी मूर्तियों और कला एवं रीति-रिवाजों को दर्शाती अनेक कलाकृतियों की व्यापक उपस्थिति के निशान मिलते हैं| इस काल के प्रमुख औजार हड्डियों से निर्मित औजार, सुई, मछली पकड़ने के उपकरण, हारपून, ब्लेड और खुदाई वाले उपकरण थे|
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