Hindi, asked by dimpleisingh4, 1 month ago

प्रगतिवादी काव्य का मूलाधार है- *

1 point

गांधी दर्शन

मार्क्सवादी दर्शन

अरविन्द दर्शन

टैगोर दर्शन

Answers

Answered by SprihaSanyal
2

Answer:

प्रगतिवादी काव्य का मूलाधार मार्क्सवादी दर्शन है पर यह मार्क्सवाद का साहित्यिक रूपांतर मात्र नहीं है।प्रगतिवादी आंदोलन की पहचान जीवन और जगत के प्रति नये द्रष्टिकोण में निहित है। नारी पर हर तरह के अत्याचार का विरोध; साहित्य का लक्ष्य सामाजिकता में मानना आदि।

Answered by anjnaak02
5

Answer:

मार्क्सवादी दर्शन

Explanation:

Hope it's helpful to you

please make me brain list

Similar questions