Hindi, asked by virajsharma09897, 7 months ago

प्रगतिवादी काव्य का परिचय दीजिए​

Answers

Answered by bhatiamona
10

प्रगतिवादी काव्य का परिचय दीजिए​

प्रगतिवादी काव्य की समय सीमा 1936 से 1943 तक मानी जाती है| सबसे पहले रूस में 1934 को सोवियत लेखक संघ की स्थापना की गई थी| यह विश्व का सबसे पहला संगठन था|  भारत में प्रगतिवादी काव्य का पहले अधिवेशन 1936 में लखनऊ में हुआ था | इसके अध्यक्ष सभापति प्रेमचंद थे|  सुमित्रानंदन पंत , सूर्यकांत त्रिपाठी नरेंद्र शर्मा , भगवती चरण वर्मा , रामेश्वर शुल्क, रामधारी सिंह दिनकर कवियों ने प्रगतिवादी साहित्य में बहुत योगदान दिया|

प्रगतिवादी काव्य में कवि कविताओं के माध्यम से मानवतावादी को में समानता लाना चाहते थे| वह जाति-पाति, वर्ग-भेद , धर्म से मानव को मुक्त करना चाहते थे|  प्रगतिवादी कवि क्रांति में विश्वास रखते थे , वह पूंजीवादी व्यवस्था ,रूढ़ियों तथा शोषण के खिलाफ विद्रोह करते थे|

Answered by manshisharma9january
0

Answer:

Explप्रगतिवादी काव्य की समय सीमा 1936 से 1943 तक मानी जाती है| सबसे पहले रूस में 1934 को सोवियत लेखक संघ की स्थापना की गई थी| यह विश्व का सबसे पहला संगठन था|  भारत में प्रगतिवादी काव्य का पहले अधिवेशन 1936 में लखनऊ में हुआ था | इसके अध्यक्ष सभापति प्रेमचंद थे|  सुमित्रानंदन पंत , सूर्यकांत त्रिपाठी नरेंद्र शर्मा , भगवती चरण वर्मा , रामेश्वर शुल्क, रामधारी सिंह दिनकर कवियों ने प्रगतिवादी साहित्य में बहुत योगदान दिया|

प्रगतिवादी काव्य में कवि कविताओं के माध्यम से मानवतावादी को में समानता लाना चाहते थे| वह जाति-पाति, वर्ग-भेद , धर्म से मानव को मुक्त करना चाहते थे|  प्रगतिवादी कवि क्रांति में विश्वास रखते थे , वह पूंजीवादी व्यवस्था ,रूढ़ियों तथा शोषण के खिलाफ विद्रोह करते थे|anation:

Similar questions