प्रजातंत्र की कोई चार विशेषताएं लिखिए
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1. उत्तरदायी शासन व्यवस्था
प्रजातंत्र या लोकतंत्र जनता प्रत्यक्ष अथवा अपने निर्वाचिन प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन करती है। इसमे जनता का शासक वर्ग पर निरंतर प्रभाव रहता है। शासन से प्रश्न पूछने एवं उसकी आलोचना के माध्यम से जनता शासन से उत्तरदायित्व व्यवहार करा सकती है। यहाँ शासन कि सत्ता मूलतः जनता की होती है, जो नियत अवधि के लिए ही प्रतिनिधियों को सौपी जाती है। अतः शासन का जनता के प्रति उत्तरदायित्व अनिर्वाय होता है अन्यथा अगले चुनाव मे जनता के पास किसी अन्य को सत्ता सौंपने का विकल्प होता हैं।
2. समानता पर आधारित शासन
प्रजातंत्र समानता के सिद्धांत पर आधारित शासन प्रणाली है। इस शासन प्रणाली मे सभी नागरिकों को बिना भेदभाव के समान नागरिक व राजनीतिक अधिकार प्राप्त होते हैं। प्रजातंत्र मे निश्चित समय अवधि मे चुनाव आवश्यक होते है। इन चुनावों मे प्रत्येक वयस्क नागरिक को मत (वोट) देने व चुनावों मे प्रत्याशी बनकर भाग लेने का समान अधिकार प्राप्त होता हैं। सामाजिक एवं आर्थिक समानता पर भी वर्तमान प्रजातंत्र मे बल दिया जाता है। धर्म, जाति, लिंग सामाजिक स्तर आदि के आधार पर भेदभाव न होना तथा आर्थिक दृष्टि से सभी को न्यूनतम आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति के साधन समानरूप से उपलब्ध होना, प्रजातंत्र या लोकतंत्र का का प्रमुख लक्ष्य हैं।
3. स्वतंत्रता की पोषक प्रणाली
प्रजातंत्र मे नागरिकों के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक प्रकार की स्वतंत्रताएँ प्राप्त होती है। राजनैतिक स्वतंत्रता के अतिरिक्त नागरिकों को अनेक प्रकार की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रताओं के अधिकार भी प्राप्त होते है। प्रजातंत्र मे नागरिकों को मत देने, निर्वाचित होने, सार्वजनिक पद ग्रहण करने, भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सूचना प्राप्त करने का अधिकार, सम्मेलन सभा करने, समूह बनाने, व्यापार व्यवसाय करने आदि की स्वतंत्रताएँ प्राप्त होती है। नागरिक यदि शासन की नीतियों से असहमत हो तो संयमित विरोध की स्वतंत्रता भी उन्हें प्राप्त है। स्वतंत्रता प्रजातंत्र की आत्मा है। बिना स्वतंत्रता प्रजातंत्र सम्भव नही हैं।
4. कानून का शासन
प्रजातंत्र की चौथी विशेषता यह हैं की प्रजातंत्र मे शासन व्यवस्था मे जनता की इच्छाओं पर आधारित सरकार कानून के अनुसार कार्य करती है, इसलिए इसे कानून का शासन भी कहा जाता है। कानून के शासन का आश्य है कि कानून के समक्ष सभी व्यक्ति समान है। एस सा अपराध करने पर व्यक्ति को एकसा दण्ड दिया जाता है चाहे उसका मान अथवा पद कोई भी क्यों न हों। कानून के समक्ष सब समान है। यह किसी व्यक्ति विशेष एवं समूहों का शासन न होकर कानून पर आधारित शासन है, इसलिए इसमें संविधान का होना भी अवश्यक है, जिसमे मूलभूत कानूनों का उल्लेख होता हैं। नागरिकों के ऐसे कार्यों के विरुद्ध आदेश दे सकती है जिससे किसी कानून का उल्लंघन हुआ है।