प्रज्वलित क्षण की दोपहरी से कवि का आशय क्या है ?
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‘प्रज्जवलित दुपहरी’ से आशय उस दुपहरी से है, जब जापान के हिरोशिमा नगर में परमाणु बम का प्रहार हुआ था और आकाश से आग के प्रचंड गोलों में से तीव्र गति का प्रकाश निकला और चारों तरफ फैल गया था। उस प्रकाश ने एकदम अचानक से दोपहर जैसा दृश्य उत्पन्न कर दिया था।
इस तरह के अप्रत्याशित प्रहार से जापान के लोग सहम गए थे। उन्हें सोचने का भी अवसर नहीं मिला। उन्हें ऐसा लगा कि धीरे-धीरे दोपहर में आने वाला प्रकाश आज अचानक एकदम ही उपस्थित हो गया। बम से के धमाके से जो अग्नि उत्पन्न हुई थी उसने एक क्षण के लिए ऐसा वातावरण पैदा कर दिया कि जैसे बड़ी तेज दुपहरी हो। इसीलिए कवि उस उस क्षण के दृश्य की कल्पना करते हुए कहते हैं कि वह प्रज्ज्वलित दुपहरी थी।
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