प्रकार मानव चित्त में भी किसी उज्ज्वल प्रसन्न ज्योतिपुंज का आविर्भाव होना स्वाभाविक है। गुरु नानकदेव
ऐसे ही षोडश कला से पूर्ण स्निग्ध ज्योति महामानव थे। लोकमानस में असें से कार्तिकी पूर्णिमा के साथ गुरु
के आविर्भाव का सम्बन्ध जोड़ दिया गया है। गुरु किसी एक ही दिन को पार्थिव शरीर में आविर्भूत हुए होंगे,
Answers
Answered by
0
Answer:
I don't no
Explanation:
you like this answer
Similar questions