Hindi, asked by ArqamWaqar1999, 10 months ago

प्रकाशिक अभिक्रिया में कौन सी शेवाले पाई जाती है

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Answered by roopal151539
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Answer:कार्बन डाईआक्साइड + पानी + प्रकाश ऑफिस टठठड भाग नहीं लेता है बल्कि इस अभिक्रिया के लिये प्रकाश की उपस्थिति आवश्यक है। इस रासायनिक क्रिया में कार्बनडाइऑक्साइड के ६ अणुओं और जल के १२ अणुओं के बीच रासायनिक क्रिया होती है जिसके फलस्वरूप ग्लूकोज के एक अणु, जल के ६ अणु तथा ऑकसीजन के ६ अणु उत्पन्न होते हैं। इस क्रिया में मुख्य उत्पाद ग्लूकोज होता है तथा ऑक्सीजन और जल उप पदार्थ के रूप में मुक्त होते हैं। इस प्रतिक्रिया में उत्पन्न जल कोशिका द्वारा अवशोषित हो जाता है और पुनः जैव-रासायनिक प्रतिक्रियाओं में लग जाता है। मुक्त ऑक्सीजन वातावरण में चली जाती है। इस मुक्त ऑक्सीजन का स्रोत जल के अणु है कार्बनडाइऑक्साइड के अणु नहीं। अभिक्रिया में सूर्य की विकिरण ऊर्जा का रूपान्तरण रासायनिक ऊर्जा में होता है। जो ग्लूकोज के अणुओं में संचित हो जाती है। प्रकाश-संश्लेषण में पौधों द्वारा प्रति वर्ष लगभग १00 टेरावाट की सौर्य ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा के रूप में भोज्य पदार्थ के अणुओं में बाँध दिया जाता है।[2] इस ऊर्जा का परिमाण पूरी मानव सभ्यता के वार्षिक ऊर्जा खर्च से भी ७ गुणा अधिक है।[3] यह ऊर्जा यहाँ स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित रहती है। अतः प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया को ऊर्जा बंधन की क्रिया भी कहते हैं। इस प्रकार प्रकाश-संश्लेषण करने वाले सजीव लगभग १0,00,00,00,000 टन कार्बन को प्रति वर्ष जैव-पदार्थों में बदल देते हैं

Explanation:

बहुत प्राचीन काल से यह ज्ञात है कि पौधे अपना पोषण जड़ों द्वारा प्राप्त करते हैं। १७७२ में स्टीफन हेलेस ने बताया कि पौधों की पत्तियाँ वायु से भोजन ग्रहण करती हैं तथा इस क्रिया में प्रकाश की कुछ महत्वपूर्ण क्रिया है। प्रीस्टले ने १७७२ में पहले बताया कि इस क्रिया के दौरान उत्पन्न वायु में मोमबत्ती जलाई जाये तो यह जलती रहती है। मोमबत्ती जलने के पश्चात् उत्पन्न वायु में यदि अब एक जीवित चूहा रखा जाये तो वह मर जाता है। उसने १७७५ में पुनः बताया कि पौधों द्वारा दिन के समय में निकली गैस आक्सीजन होती है। इसके पश्चात इंजन हाउस ने १७७९ में बताया कि हरे पौधे सूर्य के प्रकाश में co2 ग्रहण करते हैं तथा आक्सीजन निकालते हैं। डी. सासूर ने १८०४ में बताया पौधे दिन और रात श्वसन मे तो आक्सिजन ही लेते है पर प्रकाश संश्लेषण के दौरन ओक्सिजन मुक्त करते है। अत: ओक्सिजन पूरे दिन काम मे आती है पर कार्बन डाइ ओक्साइड से ओक्सिजन केवल प्रकाश संश्लेषण मे ही बनती है। सास ने १८८७ में बताया कि हरे पौधों के co2 ग्रहण करने तथा o2 निकालने से पौधों में स्टार्च का निर्माण होता है।

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