Physics, asked by rahulroy7845, 6 months ago

प्रकाश की अनुप्रस्थ तरंग प्रकृति की पुष्टि होती है​

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Answered by deepakkumar7787
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Answer:

न्यूटन के ही समकालीन जर्मन विद्वान हाइगेंज (Huyghens) ने,सन् 1678 ई. ध्रुवण की घटनाओं से यह भी प्रगट हो गया कि तरंगें अनुदैर्ध्य (Longitudinal) नहीं, वरन्‌ अनुप्रस्थ (Transvers) हैं। ... हाइगेंज की तरंगिकाओं को परिकल्पना से अपर्वतन और परावर्तन तथा दोनों का योगपत्य भी अच्छी तरह समझ में आ गया।

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