प्रकृति हर पल नया रूप धारण करती है। इस विषय पर 80 se 100 shabd mein nibandh likhiye
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hi my name is Gary and I am from sweden
प्रकृति हर पल नया रूप धारण करती है
प्रकृति ने हमें इतना कुछ दिया है कि हम सोच भी नहीं सकते। इस धरती में जीवन प्रकृति के कारण ही सम्भव है। ब्रह्माण्ड में कई ग्रह हैं लेकिन इस प्रकृति के बिना वहाँ जीवन सम्भव नहीं है। इस प्रकार प्रकृति हमारे जीवन का आधार है। धरती पर हर स्थान पर प्रकृति एक जैसी नहीं है। स्थान के अनुसार प्रकृति अपना रूप-रंग बदल लेती है और उस स्थान के अनुसार हमें संसाधन उपलब्ध कराती है साथ ही हमारे मन, हमारी आँखों को सुकून प्रदान करती है।
प्रकृति हमें इतना कुछ देती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हम इसके महत्व को जानते हुए इसका सम्मान करें और इसे अपने स्वार्थ के लिए उजाड़ें नहीं। जिससे मनुष्य की संतानें भी इसकी सुंदरता का आनन्द ले सके और इसका लाभ उठा सकें अन्यथा एक दिन वह होगा जब इस प्रकृति के सौंदर्य को लोग कम्प्यूटर पर ही देख और महसूस कर पायेंगे।
एक छोटे से शब्द ”प्रकृति“ में कितना कुछ समाता है कोई सोच भी नहीं सकता। प्रकृति के अन्दर वायु, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, नदियाँ, सरोवर, झरने, समुद्र, जंगल, पहाड़, खनिज आदि और न जाने कितने प्राकृतिक संसाधन आते हैं। इन सभी से हमें साँस लेने के लिए शुद्ध हवा, पीने के लिए पानी, भोजन आदि जो जीवन के लिए नितान्त आवश्यक हैं उपलब्ध होते हैं। प्रकृति से हमें जीवन जीने की उमंग मिलती है। बसंत देख कर दिल खुश होता है, सावन में रिमझिम बरसात मन को मोह लेती है, इंद्रधनुष हमारे अंतरंग में रंगीन सपने सजाता है। प्रकृति हमें शारीरिक सुख-सुविधा के साथ-साथ मानसिक सुख भी देती है पर हमारे पास प्रकृति को देने के लिए कोई वस्तु नहीं है। यदि कुछ है तो वह सिर्फ इतना कि हम इसका संरक्षण कर सकें।प्रकृति के रंग बहुत हैं। प्रकृति के बिना हमारा जीवन असंभव है।