Hindi, asked by vartyavaths, 1 month ago

प्रकृति का पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए​

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Answered by seetaramprajapat
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Answer:

ise lesson ka utter

Explanation:

इस कविता का मेन मुद्दा यह इसमें यह बताया गया है कि प्रकृति को आप को कैसे संभाल के रखना है यानी कि जो हमारा नेचर है उसको कैसे आप संभाल कर रख सकते हैं और उससे क्या-क्या चीजें सीख सकते हैं पेड़ों से पौधों से और नदियों से समुद्र से लहरों से सूरत से जान से सबसे अब क्या सीख सकते हैं तो यही इसमें सिखाया गया है जानवरों से पशुओं से क्या सीख सकते हैं इंसान प्रकृति नेचर से क्या सीख सकता

Answered by atulsahu035
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Explanation:

पर्वत कहता …………………………………………….. लाओ।

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘प्रकृति की सीख’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘सोहन लाल द्विवेदी’ हैं। कवि लिखता हैं कि प्रकृति अपने विभिन्न रूपों से हमें सीख देती है।

भावार्थ – पर्वत सिर उठाकर कहता है कि तुम सब मेरे समान ऊँचे बनो। समुद्र लहराकर कहता है, मन के अंदर गहराई लाओ। भाव यह है कि पर्वत और समुद्र मनुष्य को महान और गंभीर होने की प्रेरणा देता है।

समझ रहे ………………………………….…………… उमंग।

संदर्भ – क्या तम यह बात समझ पा रहे हो कि पानी की चपल या चंचल लहर. ऊपर उठ-उठकर; फिर नीचे गिर-गिरकर क्या संदेश दे रही है? यह कह रही है कि तुम अपने मन में मधुर उत्साह (जोश) भरो

पृथ्वी कहती …………………………………….……….. सारा संसार।

भावार्थ – पृथ्वी के सिर पर बहुत अधिक भार है। यह इसे धैर्यपूर्वक सहती है और सबको धैर्यवान होने की प्रेरणा देती है। तथा आकाश भी सारे संसार को ढक लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। अर्थात् व्यक्तित्व को महान बनाने की प्रेरणा देता है।

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