Hindi, asked by jainasha896247, 4 months ago

प्रकृति की परिभाषा पर निबंध 200 शब्द ​

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Answered by Anonymous
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Answer:

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Explanation:

प्रस्तावना:

इस ब्रह्माण्ड में कई प्रकार के ग्रह हैं | लेकिन उन सभी ग्रह में से पृथ्वी एक ऐसा ग्रह हैं, जिस पर मनुष्य को अपना जीवन जीना संभव हैं | हम सभी लोग इस सुंदर ग्रह पर निवास करते हैं |

यह धरती हरियाली और बेहद सुंदर हैं | प्रकृति यह हमारी अच्छी दोस्त होती हैं | हम सभी को इस धरती पर जीवन जीने के लिए सभी जरुरी संसाधन उपलब्ध कराती हैं |

प्रकृति की परिभाषा

हमारे आसपास जो सारी उपलब्ध हैं, उसे प्रकृति कहा जाता हैं | जैसे की हवा, पानी, पशु – पक्षी, पेड़ – पौधे, पहाड़, झरने, समुद्र, नदी – नाले और खनिज इत्यादि |

जीवन में इत्यादि

हर किसी के जीवन में प्रकृति का सबसे ज्यादा इत्यादि होता हैं | इस प्रकृति से मनुष्य को बहुत सारी चीजे प्राप्त होती हैं | इसलिए मनुष्य का जीवन बेहतरीन होता जा रहा हैं |

प्रकृति यह एक ऐसी शक्ति हैं जो हम सभी को बहुत कुछ उपलब्ध करके देती हैं | प्रकृति यह हमारे जीवन का आधार हैं | प्रकृति स्थान के अनुसार अपना रंग – रूप बदलती रहती हैं |

उसके साथ – साथ स्थान के अनुसार प्राकृतिक संसाधने उपलब्ध करके देती हैं | प्रकृति हमारे मन और आँखों को सुकून देती हैं |

प्रकृति हमारी दोस्त

प्रकृति यह हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं | हम सभी पृथ्वी जैसे सुंदर ग्रह पर रहते हैं, इसकी वजह से प्रकृति के सौदर्य को देखने को मिलता हैं | प्रकृति यह सभी पशु – पक्षियों का निवास स्थान या घर हैं |

इस प्रकृति से मनुष्य को पिने के लिए पानी, रहने के लिए जमीन, साँस लेने के लिए शुद्ध हवा और ऑक्सीजन, जीवन जीने के लिए भोजन इत्यादि. चीजे प्राप्त करती हैं |

ईश्वर का वरदान

प्रकृति यह ईश्वर का वरदान हैं | लेकिन आज के समय में मनुष्य अपने स्वार्थ और सुख – सुविधाओं को पूरा करने के लिए प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहा हैं |

इसकी वजह से प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा हैं | जब प्रकृति का संतुलन बिगड़ जाता हैं, तो प्रकृति अपना विकराल रूप धारण करती हैं |

प्रकृति का संरक्षण

प्रकृति की रक्षा करने के लिए मनुष्य को पेड़ों की कटाई नहीं करनी चाहिए |

मनुष्य को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए | क्यों की पेड़ मिटटी को बचाने का कार्य करते हैं |

मृदा अपरदन होने से रोकने के लिए हम सभी को प्रकृति के समुद्र, नदियों और ओजोन के स्तर को सुरक्षित रखना जरुरी हैं |

मनुष्य को अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए प्रकृति को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए |

सभी लोगों को प्रकृति के देन का सम्मान करना चाहिए |

उसके साथ – साथ प्रकृति के नियम के अनुसार चलना चाहिए |

निष्कर्ष:

इस धरती पर सभी लोगों को अपना जीवन जीने के लिए भगवान के द्वारा मिला हुआ यह एक बहुमूल्य और किमती उपहार हैं | सभी लोगों को खुश और स्वस्थ रहने के लिए प्रकृति को सुक्षित रखना चाहिए |

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