प्रकृति कैसे नुकसान पहुंचाती है
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पहुंचाता है और किसी को नुकसान, ... कैसे जाने अपनी प्रकृति : दोष जब ...
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अक्सर हम देखते हैं कि एक ही परिवार के लोगों की बनावट अलग अलग होती है और उनकी पसंद ना-पसंद भी अलग होती है। मगर सभी का भोजन एक साथ बनता है फिर भी किसी को वही भोजन फायदा पहुंचाता है और किसी को नुकसान। कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है।
चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के वैद्य डा. अजय कुमार ने बताया की शारीरिक संरचना, खानपान की पसंद और प्रकृति के मामले में हर इंसान अपने आप में अलग होता है। एक ही परिवार के अलग-अलग सदस्यों में ऐसी विविधताएं अक्सर नजर आती हैं। यह होता है उनकी प्रकृति के अलग होने के कारण। चिकित्सा विज्ञान की विभिन्न शाखाएं इस बात पर जोर देती हैं कि हमारा आहार शरीर की बुनियादी संरचना के मुताबिक होना चाहिए। इस बात को तार्किक रूप से स्पष्ट करता है आयुर्वेद में मौजूद त्रिदोष सिद्धांत। आयुर्वेद के इस आधारभूत दर्शन के मुताबिक वात, पित्त, कफ त्रिदोष हैं। आयुर्वेद के महान आचार्य चरक, सुश्रुत आदि के अनुसार त्रिदोष मानव शरीर की उत्पत्ति के कारक भी हैं।