प्रकृति का संदेश शीर्षक से एक प्रस्ताव लिखिए तथा बताइए कि मनुष्य को प्रकृति से क्या शिक्षाएं ग्रहण करनी चाहिए।
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क़ुदरत क्या कहती है कैसे कहती है क्यों कहती हैं, ये तो ऊपर वाले की आवाज़ हैं, जो हमेशा कायम रहती है। प्रकृति से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। जैसे :
पेड़ों से
अपने आप को समय के साथ बदलना। पतझड़ में पेड़ अपने पत्ते गिराने से कतई नहीं कतराते। उसी तरह हमें भी अपनी बुराइयों को तथा अपने दुखों को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ना चाहिए। बसंत आएगा, फूल फिर से खिलेंगे। पेड़ों की तरह अडिग हो कर खड़े रहें, बुरा वक्त हमेशा के लिए नहीं रहता।
समन्दर से
जल की एक एक बूंद मिल कर सागर बनाती है। हम भी धरती पर कुछ अनोखा करने के लिए पैदा हुए हैं। मानवता अगर ज़िंदा है तो उसमें हर एक व्यक्ति का योगदान है।
चिड़ियों से
अपने डर से आगे बढ़ें। जब तक उड़ने का साहस नहीं होगा तब तक आप उचाईयों को नहीं छू पाएंगे।मैंने कभी चिडियों के झुंड को आपस में टकराते हुए नहीं देखा। इससे यह सीख मिलती है कि एक दूसरे को समझना बहुत ज़रूरी है। सोच समझ कर कुछ भी बोल एवं करें। दूसरों पर आपके कर्मो का क्या प्रभाव पड़ता है, हमेशा ध्यान रखें।
पालतू जानवरों से
प्यार केवल शब्दों से बयान नहीं किया जाता।
चिटियों से
एकता। हर चिटी अपने दल में योगदान देती है। अपनी ज़िम्मेदारियों को समझें तथा उन्हें समय पर पूरा करें।
रात से
अगर आपके साथ कुछ अच्छा नहीं हो रहा तो धैर्य रखें, हर रात के बाद सवेरा होता है।
बादलों से
अगर कोई आपको कष्ट में दिखता है तो उसकी सहायता करें। ठीक उसिंतरह जैस बादल हमें तपती धूप में छाव देते हैं।
ऐसी और भी अनगिनत चीजें हैं जो हम प्रकृति से सीख सकते हैं। ज़रूरत है तो बस सोचने की। धन्यवाद
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Explanation: प्रकृति का संदेश इससे एक प्रस्ताव लिखिए तथा बताइए कि
मनुष्य को प्रकृति से क्या शिक्षा ग्रहण