Hindi, asked by rashi58yadav, 5 months ago

प्रकृति की दुनिया में सागर बनकर उभरे पंक्ति का आशय स्पष्ट किजिए​

Answers

Answered by ItZzMissKhushi
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Answer:

सलीम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे। सलीम अली प्रकृति के खुले संसार में खोज करने के लिए निकले। उन्होंने स्वयं को किसी सीमा में कैद नहीं किया। टापू बंधन तथा सीमा का प्रतीक है ओर सागर की कोई सीमा नहीं होती है।

Explanation:

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Answered by GodLover28
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प्रश्न= प्रकृति की दुनिया में सागर बनकर उभरे पंक्ति का आशय स्पष्ट किजिए⤵

उत्तर⤵

प्राकृतिक एक ऐसी दुनिया है जहां हमें हर खुशी हर सावधान मिलता है लेकिन कुछ लोग इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते एक बार वह प्राकृतिक आनंद उठा कर देखे इतना आनंद आएगा कि वह हमेशा प्राकृतिक का ख्याल रखेंगे और प्राकृतिक का ख्याल हमें बंधुओं से करना पहला समय-समय पर पानी देना दूसरा यह देखना कि प्राकृतिक और पेड़ पौधे को सूर्य की रोशनी मिल रही है या नहीं क्योंकि पेड़ पौधे अपना खाना सब बनाते हैं और उन्हें खाना बनाने के लिए बस सूर्य की रोशनी और पानी दे बस यह दो चीज है दे दीजिए वह अपना घर आश्रम बना कर खा लेंगे और अगर आप मुझे यह दो चीज नहीं देते हैं तो अपने खाना भी बना पढ़ने को भूखे रह जाएगा भूखे रहकर क्या होगा तब जाते जैसे हम लोग भूखे रहने से मर जाते और वह लोग भूखे रहने से मुरझा कि मर जाएंगे और फिर हमारा प्राकृतिकमुरझा जायेगा और हमें कोई आनंद नहीं आएगा अगर हम 1 दिन खाना पानी ना मिले तो हम एक ऐसा ना होता है कि कोई हमें खाना पानी दे देंगे तो हम जीवित नहीं रह पाएंगे होता है ना ऐसा उसी तरह पेड़ पौधे को भी खाना पानी की जरूरत होती है वह भी सोचते कि कोई हमको खाए पानी दे दे नहीं तो मर जाएंगे उसी तरह ख्याल रखना चाहिए जब अपना ख्याल रखते हैं अपने प्राकृतिक का भी ख्याल रखना चाहिए और अनुभव करके देखिए प्राकृतिक सुंदरता को खूबसूरती को प्राकृतिक जो हमें देती है और यह मिलता हैI और प्राकृतिक हमें बहुत कुछ देती है हमें खाने को हमें धूप से बचने को छाव वह खुद ग्रुप में इतनी देर हमेशा खड़े रहते और हमें छोड़ देती है खाने के लिए देती है आदि बहुत सी चीजें हमें प्राकृतिक से मिलती हो और हमें बस दो चीज प्राकृतिक को देनी होती है और हम वह भी नहीं करते कुछ लोग और कुछ लोग हमेशा प्राकृतिक का ख्याल रखते हैं लेकिन कुछ लोग यह दो चीज भी नहीं देते हैं प्राकृतिक को और प्राकृतिक हमें अपना सब कुछ दे देती प्रकृति हमें अपना जीवन तक रहती है वह हमारा जीवन बचाने के लिए खुद मर जाती हैI

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