प्रकृति में परिवर्तन पर अनुच्छेद सौ शब्दों का
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प्रकृति हमारी वास्तविक माँ की तरह की होती है जो हमें कभी नुकसान नहीं पहुँचाती बल्कि हमारा पालन-पोषण करती है। सुबह जल्दी प्रकृति के गोद में ठहलने से हम स्वस्थ और मजबूत बनते है साथ ही ये हमें कई सारी घातक बीमारीयों जैसे डायबिटिज, स्थायी हृदय घात, उच्च रक्त चाप, लीवर संबंधी परेशानी, पाचन संबंधी समस्या, संक्रमण, दिमागी समस्याओं आदि से भी दूर रखता है। ये हमारे स्वास्थ्य के लिये अच्छा है कि हम चिड़ियों की मधुर आवाज, मंद हवा की खनखनाहट, ताजी हवा की सनसाहट, बहती नदी की आवाज आदि सुबह - सुबह सुनें। ज्यादातर कवि, लेखक और लोगों को अपने दिमाग, शरीर, और आत्मा को दुबारा से ऊर्जायुक्त बनाने के लिये उद्यानों में योगा और ध्यान करते देखा जा सकता है।
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प्रकृति में परिवर्तन |
Explanation:
प्रकृति में परिवर्तन एक अनोखी प्रक्रिया है। प्रकृति में परिवर्तन के कारण ऋतु परिवर्तन होता है। ऋतु परिवर्तन से हमारा आशय मौसम में होने वाले बदलाव से है।
मौसम में बदलाव मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में देखा जाता है। यहां 1 वर्ष में छह ऋतु है समय-समय पर अपने रंग दिखाती हैं। छह ऋतु में हम सर्दी, गर्मी, बसंत, पतझड़, वर्षा और हेमंत ऋतु को गिनते हैं।
प्रकृति में परिवर्तन के कारण कई बार हमें प्रकृति को रंग-बिरंगे फूलों से देखने का अवसर प्राप्त होता है तो कई बारसंपूर्ण भाग को जड़ से होकर गुजरते देखने को मिलता है।
प्रकृति में परिवर्तन के कारण ही कभी भारतीय लोग कभी वर्षा, कभी गर्मी और कभी बहुत ठंड का अनुभव करते हैं।
प्रकृति में परिवर्तन आवश्यक है क्योंकि यदि हमेशा एक जैसे ही सब रहेगा तो हमें अन्य परिस्थितियों में किस प्रकार अपनी हिम्मत दिखानी है वह हम कभी नहीं सीख पाएंगे। प्रकृति में परिवर्तन हमारे जीवन में होने वाले परिवर्तनों के समान ही होता है।
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