प्रकृति में उपलब्ध जल सभी के लिए उपलब्ध है। प्रकृति के पेड़ सबको एक समान छाया देते हैं, वे कोई भेदभाव नहीं करते। प्रकृति की साफ़ हवा सबका पोषण करती है। प्रकृति के इन गुणों से हम कौन-कौन से मानवीय- मूल्य सीख सकते हैं और व्यावहारिक जीवन में उनका उपयोग किस प्रकार कर सकते हैं?
Answers
Answer:
इन उद्धरणों से हम समानता, भ्रातृत्व , मानव कल्याण एवं मानवाधिकार जैसे मानवीय मूल्यों को सीख सकते हैं।
Explanation:
प्रकृति सभी जीवों के कल्याण के लिए अपने संसाधनों को सभी को उपलब्ध करवाती हैं। प्रकृति किसी से भेदभाव नहीं करती। इससे हम समानता, स्वतन्त्रता, भ्रातृत्व के मूल्य सीख सकते हैं जो फ्रांसीसी क्रांन्ति के आदर्श थे। इसके साथ साथ हम महात्मा गांधीजी के सिद्धान्त सर्वोदय को भी इसी रूप में देख सकते हैं।
हमारी प्राचीन संस्कृति की पहचान वसुधैव कुटम्बकम की भावना भी इसी पर आधारित हैं तथा सर्वे भवन्तु सुखिन की अवधारणा भी प्रकृति की इसी सीख का परिणाम हैं।
इसका व्यवाहारिक जीवन में मानव कल्याण एवं जीव दया के रूप में उपयोग करते आए हैं। अहिंसा का सिद्धान्त विभिन्न भारतीय मनीषियों ने प्रदान किया हैं, तथा बोधिसत्व की अवधारणा का उपयोग हमारे देश ने विश्व को प्रदान किया जो इन्ही गुणों का उपयोग था।
Explanation:
प्रकृति ने ही हमारी रचना की है और अगर दूसरे दृष्टिकोण से देखा जाए तो प्रकृति ही हमारी माता-पिता है I प्रकृति ही हमें रहने को घर, खाने को भोजन और जीवन जीने के लिए जो पर्याप्त संसाधन होते हैं, वह सभी प्रधान करती है, बदले में हमसे वह कुछ भी नहीं लेती I यदि हम प्रकृति से कुछ सीखना चाहते हैं तो वह यही है कि हमें दूसरों के साथ निस्वार्थ भाव से सेवा भाव रखना चाहिए I हमें कभी भी निजी स्वार्थ के वशीभूत होकर दूसरों की भलाई नहीं करनी चाहिए I