Hindi, asked by tyagipalak442, 6 months ago

प्रकृति मनुष्य की जननी किस प्रकार है??

Answers

Answered by palakmittal04
1

Answer:

भूगोल वास्तव में विश्वव्यापी प्रकृति का विज्ञान है। इसमें सभी प्राकृतिक तथा मानवीय लक्षणों का अध्ययन किया जाता है। यह एक अन्तर्विषयक विज्ञान है। इसलिए इसे समस्त विज्ञानों की जननी कहा जाता है।

hope it helps

please follow me

mark as brainliast

Answered by dp888449
2

Explanation:

जीवन की समस्याओं का हल प्रकृति के असीमित संसाधनों में खोजा जा सकता है। सूर्य, चंद्र, पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश में विद्यमान असंख्य पदार्थ प्राकृतिक संसाधनों को समृद्धिशाली बना रहे हैं इनमें कभी कोई कमी नहीं आने वाली, यदि इनके उपयोग को सहज एवं सात्विक बनाया जाए, क्योंकि प्रकृति की चमत्कारी शक्ति का दुरुपयोग करने पर अनेक बार संकट प्रकट हुए। इसलिए प्रकृति की महान कृति मानव को उसके प्रति समर्पित होना पड़ेगा, तभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। प्रकृति को जननी मानकर सभी धारणाओं में परिमार्जन हो और ऐसी अवधारणाओं को त्यागना चाहिए जो प्रकृति के सिद्धांतों के विपरीत हो। प्रकृति की गोद हमारी माता की गोद की तरह सुरक्षित तथा आनंददायक है, इसके ममत्व का सुख उठाया जाए। इसका मौन प्रेम संसार की शांति का उद्गम है। प्रकृति के वात्सल्य को हम अनुभव नहीं कर पाते। पहाड़ों और समुद्रों में बहुतेरे यौगिक पदार्थ भरे पड़े हैं, जिनसे जीवन के संतापों को दूर किया जा रहा है। शारीरिक और स्नेहिल आंचल।

इसी भूलोक में अमृत और विष, दोनों विद्यमान हैं। यहीं सब

दुखों का समाधान उपस्थित है। प्रकृति के वरदानों से मानवता को धन्य किया जा सकता है, इसके लिए उत्कृष्ट इच्छाशक्ति अनिवार्य है। अज्ञानतावश लोग प्रकृति के सानिध्य से हट जाते हैं और कालांतर में दुखों के भागी बनते हैं। प्रकृति के महाभंडार में अनेक औषधीय शक्तियां हैं जो रोगों को शांत करने में सक्षम हैं। प्रकृति को माता समझकर उनके यौगिक पदार्थो की खोज, शोधन या उपभोग की बात सोचनी चाहिए। प्रकृति का स्वरूप परमेश्वर की परमशक्ति का भौतिक आचरण है। इस भौतिक रूप के पीछे एक रहस्य छिपा है अधिभौतिक बीज का रहस्य। मन, चित्त, हृदय-चेतना के हर स्पंदन में प्रभु का दर्शन सुलभ रहना चाहिए। यह लोगों का योग है, परम योग है।

please follow me

Similar questions